एक ही बार में सात स्टेंट लगाकर बचाई 59 वर्षीय इराकी मरीज की जान

फरीदाबाद। एसएसबी अस्पताल के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी विभाग की टीम ने एक ही बार में सात स्टेंट लगाकर इराक से आए 59 वर्षीय मरीज को नया जीवन दिया है। अस्पताल के डाक्टरों ने दिल की बीमारी का ऐसा जटिल इलाज करके चिकित्सा क्षेत्र में नया कारनामा जोडऩे का काम किया है। इराकी मरीज लम्बे समय से सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ से परेशान था, मरीज ने इन परेशानियों के चलते इराक में ही कोरोनरी एंजियोग्राफी (सीएजी) कराया था, जिससे पता चला कि उनकी हृदय की बाएं मुख्य धमनी के साथ-साथ तीनों मुख्य धमनियों में गंभीर ब्लॉक थे। ये ब्लॉकेज इतने गंभीर थे कि उनके ब्लड फ्लो पर असर पड़ रहा था और इसके कारण कभी भी जान का खतरा पैदा हो सकता था।

इस स्थिति में तुरंत इलाज जरूरी था। उन्हें इराक़ में बाईपास सर्जरी की सलाह दी गई, लेकिन मरीज ने ऑपरेशन कराने से इनकार कर दिया। इसके बाद उन्हें भारत के फरीदाबाद स्थित एसएसबी अस्पताल में लाया गया, जहां उनकी मुलाकात डॉ. एस.एस. बंसल से हुई। डॉ. एस.एस. बंसल ने मरीज की परेशानी को समझा और उन्हें एंजियोप्लास्टी स्टेंटिंग प्रक्रिया द्वारा इलाज करवाने का सुझाव दिया।

एंजियोप्लास्टी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें ब्लॉक हुई धमनियों को खोलकर स्टेंट लगाए जाते हैं। ये स्टेंट छोटे ट्यूबनुमा उपकरण होते हैं जो धमनी को खुला रखने में मदद करते हैं। लेकिन इस बार यह प्रक्रिया सामान्य से काफी जटिल थी क्योंकि एक बार में ही कई स्टेंट लगाने थे। डॉ. बंसल ने पूरी प्रक्रिया को बखूबी अंजाम दिया और मरीज को दाहिनी कोरोनरी धमनी (2 स्टेंट), ओब्ट्युस मार्जिनल धमनी में एक-एक (1 और 2 स्टेंट), बाएं एंटीरियर डिस्सेन्डिंग धमनी (2 स्टेंट) और बाएं मुख्य से ओस्टियल एलएडी (1 स्टेंट) सहित कुल 7 स्टेंट लगाए। यह पूरी प्रक्रिया करीब दो घंटे चली। मरीज को इस प्रक्रिया के बाद तुरंत आराम महसूस हुआ।

उनके सीने का दर्द कम हो गया और सांस लेने में भी तकलीफ कम हो गई। एसएसबी अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ की देखरेख में मरीज की हालत अब काफी बेहतर है। डॉ. एस.एस. बंसल और उनकी टीम की इस सफलता से यह उम्मीद जगी है कि भविष्य में भी ऐसे जटिल कार्डियक मामलों का इलाज भारत में संभव है और पूरी दुनिया के हृदय रोगियों के लिए उम्मीद की नई किरण है।

Related Articles

Back to top button