जैव प्रौद्योगिकी में प्रगति के क्षेत्रों पर चर्चा के लिए संगोष्ठी का आयोजन

फरीदाबाद, 29 अप्रैल। जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के जीव विज्ञान विभाग द्वारा आज जैव प्रौद्योगिकी में उन्नति विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय मीरपुर के कुलपति प्रो. जेपी यादव मुख्य अतिथि रहे। गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय, हिसार से प्रो. नीरज दिलबागी और थर्मो फिशर साइंटिफिक से श्री सुबोध कुमार बुडाकोटि संगोष्ठ के आमंत्रित वक्ता रहे। सत्र की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सुशील कुमार तोमर ने की। सत्र में जीव विज्ञान विभाग की डीन प्रो. नीतू गुप्ता और जीव विज्ञान विभाग की अध्यक्ष (प्रभारी) डॉ. काकोली दत्त भी उपस्थित थीं। संगोष्ठी का उद्देश्य नैनो-जैव प्रौद्योगिकी और खाद्य जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रगति पर चर्चा करना था।

प्रो. एस.के. तोमर ने मुख्य अतिथि प्रो. जेपी यादव का स्वागत किया और संगोष्ठी को संबोधित किया। प्रो. तोमर ने मौजूदा जीवन में जैव प्रौद्योगिकी के महत्व और इसकी प्रासंगिकता पर चर्चा की तथा छात्रों को प्रेरित किया। अपने संबोधन में प्रो. जे.पी. यादव ने जैव प्रौद्योगिकी के तेजी से बढ़ते प्रभाव और चुनौतीपूर्ण अवसरों पर बल दिया तथा विश्वविद्यालय के जीव विभाग के संकाय सदस्यों और छात्रों को प्रेरित भी किया। प्रो. यादव के प्रेरक और ज्ञानवर्धक व्याख्यान के बाद प्रो. तोमर ने उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया। बाद में, मुख्य वक्ता प्रो नीरज दिलबागी ने ‘नैनो-बायोटेक्नोलॉजी अनुप्रयोगों और दृष्टिकोणÓ पर एक व्याख्यान दिया। व्याख्यान नैनो-बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में प्रगति, इसकी प्रासंगिकता और महत्व पर केंद्रित था। एक अन्य व्याख्यान में श्री सुबोध कुमार बुडाकोटी ने खाद्य सुरक्षा से संबंधित अणुओं का पता लगाने में गैस क्रोमैटोग्राफी-मास स्पेक्ट्रोमेट्री टूल के व्यावहारिक उपयोग पर चर्चा की। सत्र के अंत में डॉ. काकोली दत्त ने संगोष्ठी के वक्ताओं को धन्यवाद दिया।

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