बेटियों के उज्वल  भविष्य के लिए कारगर सिद्ध हो रही है  सुकन्या समृद्धि योजना : डी सी विक्रम सिंह

कहा-सुकन्या समृद्धि योजना बेटियों के सुरक्षित भविष्य के लिए वरदान है
फरीदाबाद, 27 अगस्त। डीसी विक्रम सिंह ने कहा कि बेटियां समाज का गौरव है। डीसी विक्रम ने कहा कि माँ बाप को बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जारी हिदायतों के बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान के बेहतर क्रियान्वयन  और बेटियों को बेहतर शैक्षणिक एवं सुरक्षित माहौल प्रदान करने में सरकार सजगता से अपना दायित्व निभा रही है। केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत अनेक महत्वाकांक्षी योजनाओं को लागू करते हुए क्रियान्वित किया जा रहा है। अभिभावक इस खाते में 14 साल तक ही पैसे जमा करवा सकते हैं और 21 वर्ष में यह खाता परिपक्व हो जाएगा। उन्होंने बताया कि 18 वर्ष के बाद बेटी की उच्चतर शिक्षा के लिए तथा विवाह के समय जमा राशि में से आधा हिस्सा निकलवाया जा सकता है।
डीसी विक्रम सिंह ने सरकार की योजना के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि सुकन्या समृद्धि योजना बेटियों के सुरक्षित भविष्य के लिए वरदान है। इस योजना में जमा की गई राशि भविष्य में बेटियों को उच्चतर शिक्षा दिलवाने व उनकी शादी में आर्थिक रूप से काफी मददगार साबित हो रही है। ऐसे में सभी पात्र व्यक्तियों को इस योजना के तहत अपनी बेटियों के खाते खुलवाने चाहिए।
 क्या है सुकन्या समृद्धि योजना : – 
महिला एवं बाल विकास विभाग की सीडीपीओ डाक्टर मंजु श्योरान ने बताया कि सुकन्या समृद्धि योजना बेटियों के सुरक्षित भविष्य के लिए वरदान है।  बेटियों का सुकन्या समृद्धि खाता योजना बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का ही एक भाग है। यह घरेलू बचत के लिए भी सरकार की यह एक अच्छी पहल है। उन्होंने आगे बताया कि सुकन्या समृद्धि खाता एक डाकघर से दूसरे डाकघर में निशुल्क ट्रांसफर किया जा सकता है। जमा राशि पर लगने वाला ब्याज पूर्णत: कर रहित है तथा इसमें आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत छूट भी प्राप्त है।
डाक्टर मंजु श्योरान ने बताया कि सुकन्या समृद्धि योजना के तहत माता-पिता या कानूनी अभिभावक दो लड़कियों के लिए यह खाता खुलवा सकते हैं। बेटी के जन्म से 10 वर्ष तक की उम्र में सुकन्या समृद्धि का खाता खोला जा सकता है।
  यह खाता लडक़ी के नाम से ही खोला जाता है। जमाकर्ता माता-पिता (अभिभावक) में से एक होगा, जो नाबालिग लडक़ी की ओर से पैसा जमा करेगा। उन्होंने बताया कि मात्र 250 रुपये से खाता खोला जाता है। लेकिन साल में कम से कम एक हजार रुपये हर खाते में जमा होने चाहिए, अधिकतम एक लाख 50 हजार रुपये वर्ष में जमा किए जा सकते है। एक वित्त वर्ष में पैसे नकद, चेक या ड्राफ्ट के जरिए कितनी बार ही जमा किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सुकन्या समृद्धि खाता योजना में जमा राशि पर ब्याज की गणना सालाना की जाती है।
 सीडीपीओ ने बताया कि यह खाता इसके खोले जाने की तिथि से लेकर लडक़ी की आयु 21 वर्ष होने तक तथा उसके विवाह के बाद बंद किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि खाता खुलवाने के लिए बेटी के जन्म का प्रमाण पत्र, अभिभावक के पते का प्रमाण तथा फोटो पहचान पत्र (पैन कार्ड, वोटर आईडी या आधार कार्ड) की जरूरत पड़ती है। सुकन्या समृद्धि योजना के तहत यह खाता पोस्ट ऑफिस या बैंक में खुलवाया जा सकता है।

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