मेले की मुख्य चौपाल पर विभिन्न देशों व थीम राज्यों के लोक कलाकारों ने दी भव्य गायन, वादन व नृत्यों की प्रस्तुतियां

-कलाकरों की प्रस्तुतियां देख पर्यटक झूमने को हुए मजबूर
सूरजकुंड (फरीदाबाद), 6 फरवरी। 36 वें अंतरराष्टï्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला की मुख्य चौपाल पर एक ओर जहां देश के प्रसिद्ध कलाकारों ने अपनी-अपनी बेहतरी प्रस्तुतियां दी। वहीं दूसरी ओर सूरजकुंड के थीम राज्यों ने भी अपनी-अपने प्रदेश की लोक गीतों व नृत्यों से समां बांध दिया। सोमवार को मेले की मुख्य चौपाल पर पंजाब का भांगडा, कोमोरोस व अरमेनिया देश के कलाकारों ने नृत्य की बेहतरीन प्रस्तुति देकर पर्यटकों का मन मोह लिया। बता दें कि सूरजकुंड मेले में इस बार के 8 थीम राज्यों में से मेघालय भी एक हैं। मेघालय को मेघों का घर कहा जाता है। जहां की ऐतिहासिक भूमि पर बहुत से सुंदर पेड-पौधे मौजूद हैं, जिसके कारण वहां अधिकतर समय बारिस होती रहती है। मेघालय की राजधानी शिलांग के वंगाला फेस्टिवल में टॉप आए कलाकारों ने नृत्य की भव्य प्रस्तुति दी।
तंजानिया 30 लाख लोगों की आबादी वाला देश है। तंजानिया के दार-एस-सलाम से आए कलाकारों ने पुरातन साजो-सामान जोकि इन कलाकारों ने अपने हाथों से बनाए हैं उनके साथ पारंपरिक वेशभूषा में हिलिंग गीत की प्रस्तुति दी। रूस देश से आए कलाकारों ने दो रंगों में अपनी प्रस्तुतियां देकर पर्यटकों का मन मोहा। रूस के कलाकारों द्वारा उफा के माध्यम से अपने करीबी को प्रेम का भाव प्रदर्शित करने बारे तथा कुराई (बांसुरी) वाद्य यंत्र के साथ विभिन्न जीव-जंतुओं व वाद्य यंत्रों की ध्वनि सुनाकर पर्यटकों का मन जीत लिया।
सूड़ान की राजधानी खार्तूम से आए कलाकारों ने वर्षा के समय धरती पर बंूद के गिरने पर खेत में बोए गए बीज में से अंकुर निकलने पर खुशी जाहिर करने के दौरान गाए जाने वाले वहां के स्थानीय लोक गीत की प्रस्तुति दी। सूरजकुंड में पहली बार आए भारत से अच्छे संबंध रखने वाल व एशिया का सबसे छोटे देश मालदीव के एम.एस. गु्रप के आइडिल में टॉप पर रह चुके कलाकारों ने मेले की मुख्य चौपाल पर बेहतरीन नृत्य, गायन व वादन के साथ सुंदर प्रस्तुति दी। इसी कड़ी में जाम्बिया के कलाकारों ने विवाह से पूर्व से लेकर विवाह के उपरांत घर में आई दुल्हन के साथ ईश्वरीय प्रार्थना करने तक के विवाह संस्कार के सम्पूर्ण नत्य काडेम्बा  की तीन अलग-अलग प्रस्तुतियां दी, जिन्हें देखकर पर्यटक झूम उठे।

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