मुख्य व छोटी चौपाल पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का निरंतर हो रहा आयोजन

फरीदाबाद। 36वें अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले की मुख्य चौपाल पर साउथ अफ्रीका के विक्टोरिया से आए कलाकारों ने अपने देश की संस्कृति को अपने गीत व नृत्य द्वारा बड़े शानदार ढंग से प्रस्तुत किया। चौपाल पर बैठे दर्शक ने तालियों से उनका उत्साहवर्धन किया। रूस के काज़ान शहर से मेले में पधारे कलाकारों ने भी खूबसूरत रंग अपने नृत्य द्वारा प्रस्तुत किये तथा इंस्ट्रुमेंटल कोम्बोस व बांसुरी की धुन से मेले में आए पर्यटकों का मन जीत लिया। इस प्रस्तुति पर लोग झुमने को मज़बूर हो गये। सांकृतिक कार्यक्रमों में विभिन्न देशों जैसे इथोपिया, तंज़ानिया, कोमोरोस, उज्बेकिस्तान ने भाग लिया। मुख्य चौपाल पर सांकृतिक कार्यक्रमों का लुफ्त उठाने आए दर्शकों ने तालियों की गूँज से सभी देशों के कलाकारों का स्वागत किया। तंज़ानिया से आई सुकमा ट्राइब के कलाकारों ने स्थानीय गोगो नृत्य पेश किया जो कृषि एवं खेती-बाड़ी पर आधारित है। साउथ अमेरिकन कॉन्टिनेंट के देश कोमोरोस से आए प्रतिभागियों ने फोक डांस “चिन्गोम्वाचा” दर्शकों को पेश किया। सेंट्रल एशियाई देश उज्बेकिस्तान के तास्कंद से आए मेहमान कलाकारों ने “लाज़गी नृत्य” गोयरा इंस्ट्रूमेंट बजाकर तथा तान्ताना डांस कर दर्शकों कि वाहवाही बटोरी।

छोटी चौपाल पर भी आयोजित हुए सांकृतिक कार्यक्रम

36वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में छोटी चौपाल पर रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन निरंतर किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज वीरवार को सांस्कृतिक एवं समाजोत्थान के विभिन्न आयामों से समबद्घ अनेक प्रासांगिक एवं मनमोहक प्रस्तुतियां दी जा रही हैं। कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों जैसे पंजाब, राजस्थान, आंध्र प्रदेश से आए कलाकारों ने भाग लिया। पंजाब से आए वरुण दल एंड पार्टी ने भांगड़ा नृत्य, प्रकाश मालिक समूह ने हरियाणवी लोक नृत्य, राजस्थान के सन्ना नाथ समूह ने कालबेलिया, आंध्र प्रदेश के कलाकारों ने लम्बादी लोक नृत्य, आरडी कैले  समूह ने ग़ज़ल प्रस्तुत कर दर्शकों का मनोरंजन किया। इसके पश्चात विभिन्न देशों के कलाकारों ने भी मंच की शोभा बढाई।

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