हरियाणा का सबसे छोटा शार्प शूटर:20 साल की उम्र में 2 मर्डर केस, पहले मूसेवाला को मारा, अब भगवानपुरिया के गुर्गे कत्ल किए

हरियाणा का सबसे छोटा शार्प शूटर अंकित सेरसा उर्फ छोटू फिर से सुर्खियों में है। सोनीपत के गांव सेरसा के रहने वाले अंकित उर्फ छोटू ने 9 महीने में दूसरा कत्ल कर दिया। इस बार उसका नाम डबल मर्डर केस में जुड़ा है। 19 साल की उम्र में उसने मशहूर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला का कत्ल किया।

अब जेल में कुख्यात गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया के गुर्गे मनदीप तूफान और मनमोहन मोहना को मार डाला। पंजाब की जेल में गैंगवार के आरोप में पंजाब पुलिस ने लॉरेंस गैंग के जिन 7 आरोपियों पर मर्डर केस दर्ज किया है, उनमें अंकित सेरसा का नाम भी शामिल है।

इसके बाद पंजाब पुलिस फिर अंकित सेरसा के सारे कनेक्शन खंगालने में जुट गई है। हरियाणा पुलिस भी अंकित सेरसा के कॉन्टैक्ट को लेकर अलर्ट मोड पर है।

19 साल की उम्र में सिद्धू मूसेवाला की पहली हत्या
अंकित सेरसा ने जिस समय सिद्धू मूसेवाला की हत्या की, उस समय उसकी उम्र करीब 19 साल थी। वह करीब 6 माह पहले ही वह लॉरेंस गैंग के गैंगस्टर गोल्डी बराड़ से संपर्क कर शामिल हो गया। इसके बाद उसने लगातार ट्रेनिंग ली। ट्रेनिंग लेने के बाद उसने पहला मर्डर सिद्धू मूसेवाला का ही किया। इससे पहले केवल अंकित ने हथियार चलाने ही सीखे थे। इसके बाद सिद्धू मूसेवाला पर दोनों हाथों से ताबड़तोड़ गोलियां चलाई।

सिद्धू मूसेवाला के सबसे करीब जाकर मारी थी गोली
अंकित सेरसा सिर्फ 9वीं कक्षा तक ही पढ़ा लिखा है। जिसने मर्डर से पहले गोलियों से सिद्धू मूसेवाला का नाम लिखकर तस्वीर भी खिंचवाई थी। सिद्धू मूसेवाला के सबसे नजदीक जाकर अंकित ने ही गोलियां मारी थी। पुलिस जांच में पता चला था कि उसने दोनों हाथ में पिस्टल लेकर मूसेवाला पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई। हत्या की बाद वह गुजरात में भाग गया। गुजरात से दिल्ली आए तो गिरफ्तार हो गए।

मोनू डागर के जरिए लॉरेंस गैंग तक पहुंचा था अंकित
अंकित सेरसा सबसे पहले लॉरेंस गैंग के गुर्गे मोनू डागर के संपर्क में आया। इसके बाद मोनू डागर ने अंकित की मुलाकात अनमोल नामक व्यक्ति से करवाई। अनमोल के जरिए वह लॉरेंस बिश्नोई गैंस से जुड़ गया। वहीं अंकित के खिलाफ सिद्धू मूसेवाला मर्डर से पहले राजस्थान में भी हत्या के प्रयास के दो मामले भी दर्ज थे।

चोरी से अपराध की दुनिया में रखा था कदम
अंकित सेरसा का शुरूआत से ही पढ़ाई में ध्यान नहीं था। वहीं दसवीं कक्षा में फेल भी हो गया था। वह 6 बहन-भाईयों में सबसे छोटा है। परिजनों ने उसे बुआ के पास बहादुरगढ़ भेज दिया। वहां लॉकडाउन के दौरान अंकित की नौकरी चली गई थी। वहां मोबाइल फोन की चोरी में उसका नाम आया था।

तब वह नाबालिग था। यह उसका पहला अपराध था। करीब एक साल पहले ही इसके बाद अंकित के खिलाफ राजस्थान में हत्या के प्रयास के दो केस दर्ज हुए। सोनीपत में उसके खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं था। हालांकि इसके बाद वह अपराध के दलदल में फंसता चला गया और लॉरेंस गैंग से जुड़कर सिद्धू मूसेवाला की हत्या कर दी।

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