शिक्षक कभी सेवानिवृत नहीं होता: जयप्रकाश

सेवानिवृति के बाद समाज के कार्यों में निभाएं अहम भूमिका

फरीदाबाद, 11 जून दयाराम वशिष्ठ राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ऊंचा गांव से 30 साल सेवा के बाद शिक्षिका सीता मिश्र सेवानिवृत हो गईं। इसे लेकर स्कूल के प्रांगण में एक भव्य विदाई समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें शिक्षाविद के अलावा गणमान्य  लोगों ने भाग लिया। इस मौके पर वक्ताओं ने उनके दीर्घायु की कामना करते हुए उन्हें एक कर्तव्यनिष्ठ, मृदृभाषी, सहृदय एवं समर्पित शिक्षिका बताया।   इस समारोह को संबोधित करते हुए स्कूल के प्रिंसिपल जय प्रकाश ने कहा की शिक्षक कभी सेवानिवृत नहीं होता। शिक्षक राष्ट्र निर्माता होते हैं। वे हमेशा समाज के लोगों को एक नई दिशा प्रदान करते रहे हैं। उन्होंने शिक्षिका मिश्र से आग्रह किया कि वे सेवानिवृत्ति के बाद भी समाज के कार्यों में  बढ़ चढ़कर भूमिका निभाएं, ताकि  इससे हमार समाज सशक्त और मजबूत हो सके। कार्यक्रम में  सेक्टर 7 स्कूल की प्रिंसिपल सीमा गौतम, नवादा स्कूल से प्रिंसिपल पंकज चतुर्वेदी के अलावा शिक्षक विवेक रतन गौड़, नरेंद्र चौधरी, पूजा गोयल, रेनू गंभीर, किरण मनोचा, विभा जैन के अलावा परिवार व रिश्तेदार चंदन शर्मा, संजय मिश्रा, सुनील मिश्रा,शशि भारद्वाज व एसएसबी अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी आरपी मिश्रा  व छात्र छात्राएं मौजूद रहे। प्रिंसिपल सीमा गौतम व पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद समाज के प्रति जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। आपने हमेशा शिक्षिका की अहम भूमिका निभाते हुए अपना जीवन समाजसेवा में लगाया। यही जीवन की नेक कमाई है। ऐसे आदर्श शिक्षक की कमी विद्यालय परिवार को हमेशा खलेगी। विदाई सम्मान समारोह के इस भावुक पल में शिक्षिका सीता मिश्र के आसूं छलक उठे। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी शिक्षकों का आभार जताया। कार्यक्रम के बाद शिक्षिका सीता मिश्र का ढोल नगाड़े के साथ स्वागत करते हुए उनके निवास पर ले जाया गया। जहां सम्मान के रूप में  निवास पर एक विशेष पार्टी का आयोजन किया। जिसमे एसएसबी अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी आरपी मिश्रा ने सभी अतिथियों का आभार जताया।
भावुक पल में जताया मिश्र ने आभार
सेवानिवृत्त शिक्षक सीता शर्मा उपस्थित गणमान्य लोगों को देख भावुक हो उठे। उन्होंने उपस्थित सभी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि आज उन्हें जो सम्मान दिया उसे कभी नहीं भुलाया नहीं जा सकता है। मौके पर अतिथियों व विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों के अलावा इलाके के लोगों ने फूलों का गुलदस्ता व शाल आदि भेंटकर सम्मानित किया। दरअसल, 30 साल की सरकारी सेवा के बाद सेवानिवृत्त किसी भी कर्मचारी के लिए एक भावुक पल होता है. हो भी क्यों न, सेवा पूर्ण करना एक सम्मान है, जिसकी तमन्ना सभी कर्मचारियों को होती है. तभी तो सेवानिवृत्ति पर जश्न मनाया जाता है।

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