विभिन्न प्रदेशों के स्वयं सहायता समूह स्वावलंबन की बने मिसाल

राजस्थान के स्वयं सहायता समूह भी उत्पाद लेकर पहुंचे शिल्प मेला

फरीदाबाद 37वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला में शिल्पकार अपनी कृतियों से पर्यटकों को लुभा रहे हैं। मेला क्षेत्र में विभिन्न प्रदेशों के स्वयं सहायता समूह भी स्वावलंबन की सफलता की कहानी कह रहे हैं। कुछ ऐसे ही स्वयं सहायता समूह राजस्थान से शिल्प मेला में पहुंचे हैं, जो अपने उत्कृष्टï उत्पादों की ओर पर्यटकों का ध्यान खींच रहे हैं।
शिल्प मेला परिसर में स्टॉल नंबर-355 पर राजस्थान के शिव शंकर स्वयं सहायता समूह द्वारा उत्तम किस्म के धनुष व बाण प्रदर्शित किए गए हैं। स्टॉल संचालक जितेंद्र ने बताया कि उनके समूह में 10 सदस्य हैं तथा उन्होंने लगभग 4 बार सरकारी योजनाओं के माध्यम से ऋण प्राप्त कर अपने व्यवसाय का विस्तार किया है।
उन्होंने कहा कि उनके पिता रतन लाल भी इस व्यवसाय से जुडे थे, लेकिन उनके बड़े भाई दिवंगत बि_ïल ने धनुष-बाण को खेल के क्षेत्र से जोडक़र अद्वितीय कार्य किया है। समूह द्वारा धनुष के पांच डिजाइन तैयार किए जा रहे हैं, जिनकी कीमत 1050 से शुरू होकर 2550 रुपए तक है। खेल के क्षेत्र से जुडे खिलाडिय़ों के अलावा शौकीन लोग भी धनुष-बाण को बड़े शौक से खरीद रहे हैं।
राजस्थान के बीकानेर निवासी राजकवर ने महिलाओं को दिखाई समृद्धि की राह
मेला परिसर के स्टॉल संख्या-358 में राजस्थान के स्वयं सहायता समूह के नमकीन व अचार से संबंधित उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं। राजस्थान के बीकानेर निवासी राजकवर ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के लिए स्वयं सहायता समूह बनाकर इस समूह में महिलाओं को जोड़ा। उनके गांव में ऐसे 10 समूह कार्य कर रहे हैं तथा उनके समूह में 25 महिलाएं शामिल हैं। उनका समूह राजीविका राजस्थान ग्रामीण विकास परिषद बीकानेर से जुड़ा है। उन्होंने 2013 से श्री आनंदराज स्वयं सहायता समूह बनाकर कार्य शुरू किया। वे बीकानेरी भुजिया, मोटी भुजिया, लहसुन भुजिया, नवरत्न मिक्चर, चना लहसुन पापड़, खट्टïी-मीठी मिक्चर इत्यादि बनाती हैं।
राजस्थान के अचार का स्वाद भी चख रहे हैं पर्यटक
इसी स्टॉल में देव नारायण राजीविका स्वयं सहायता समूह द्वारा राजस्थान के प्रसिद्ध अचार प्रदर्शित किए गए हैं। इस समूह में 12 सदस्य हैं। यह समूह मिर्ची, मीठा नींबू, कैर आदि का अचार तैयार कर बिक्री कर रहा है। पर्यटक राजस्थान अचार के स्वाद को भी चख रहे हैं।

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