जे.सी. बोस विश्वविद्यालय में ‘जी-20: भारत और युवा पर संगोष्ठी का आयोजन

युवाओं के जीवन में स्वामी विवेकानंद जी की प्रासंगिकता पर हुई चर्चा
फरीदाबाद,17 अप्रैल ।
जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए फरीदाबाद के एससी व एसटी प्रकोष्ठ द्वारा विज्ञान भारती (विभा) के सहयोग से आज ‘जी-20: भारत और युवाÓ विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत कुलपति प्रो. एस.के. तोमर, विशिष्ट अतिथि प्रो. ज्योति राणा तथा डॉ. पवन सिंह मलिक ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो लखविंदर सिंह ने सम्मानित अतिथियों और गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो. एस.के. तोमर ने भारत को एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था तथा समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के रूप में रेखांकित करते हुए जी-20 के विभिन्न पहलुओं पर टिप्पणी प्रस्तुत की तथा देश की उन्नति में युवाओं के योगदान को महत्वपूर्ण बताया। इस अवसर पर उन्होंने अमेरिकन प्रतिनिधियों के साथ अपने व्यक्तिगत अनुभवों का साझा किया। उन्होंने इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने के लिए आयोजकों के प्रयासों की सराहना की।

सत्र को संबोधित करते हुए प्रो. ज्योति राणा ने जीवन दर्शन एवं भगवद गीता पर विचार रखे तथा कौशल सूत्र से श्लोक का उच्चरण किया। इसके उपरांत उन्होंने समकालीन परिदृश्य में महाभारत का संदर्भ लेकर चर्चा की। उन्होंने सनातन धर्म और स्वधर्म में भिन्नता को लेकर विस्तार से बताया। उन्होंने कौशल का उपयोग व्यक्तिगत उद्देश्यों के लिए नहीं बल्कि समाज के लाभ के लिए करने का आह्वान किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. पवन सिंह मलिक ने आज के युवाओं के लिए स्वामी विवेकानंद जी के विचारों की प्रासंगिकता पर व्यावहारिक भाषण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि कैसे इस आदमी के ज्ञान की भूख ने उसे पूरे इतिहास में जीवित कर दिया। संगोष्ठी को एक समृद्ध अनुभव बनाने के लिए सभी कार्यक्रम आयोजकों, संकायों और उपस्थित लोगों को धन्यवाद के वोट के साथ संगोष्ठी का समापन हुआ।

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