हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के तुगलकी फरमान का करेंगे विरोध: गुप्ता
फैसले के खिलाफ करेंगे हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर
![Haryana School Education Board will oppose the Tughlaqi decree: Gupta](/wp-content/uploads/2023/04/06-11-780x470.jpg)
फरीदाबाद। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा दसवीं व बारहवीं कक्षा में सीधे दूसरे स्कूल में दाखिला लेते समय 1 हजार से 3 हजार रुपए शुल्क जमा करवाए जाने के फरमान को शीघ्र ही माननीय हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी। ये बात आज जवाहर कालोनी स्थित रॉयल विषडॉम स्कूल में आयोजित प्रैस वार्ता में उपस्थित पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए इंडियन प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रदीप गुप्ता ने कहे। इस अवसर पर एसोसिएशन के महासचिव डॉ राजेश मदान, उपाध्यक्ष भूपेंद्र , ग्रिविंस कमेटी के चेयरमैन रामवीर भड़ाना, शोभित आजाद, अमित, रवि, सरदार मोंटू सिंह, अधिवक्ता डॉ मंशा पासवान एवं कानूनी सलाहकार एडवोकेट डॉ तरुण अरोड़ा, प्रिंसीपल श्रीमती दुर्गा अग्रवाल, वाइस प्रिंसिपल नैंसी जैन, नीतू जैन, अनुराधा यादव, नीरू, मेघा शर्मा उपस्थित रहे। प्रदीप गुप्ता ने बताया कहा कि बोर्ड लगातार अतार्किक फैसले लेकर निजी स्कूलों को बंद करवाने का काम कर रहा है। हरियाणा के छोटे बजट स्कूल जिनकी फीस ही नाममात्र है, इस फैसले से ज्यादा प्रभावित होंगे।
उन्होंने कहा कि अगर कोई बच्चा नौंवी कक्षा तक सरकारी स्कूल में पढ़ता है और किसी कारणवश उस स्कूल में अध्यापकों की कमी के चलते और बेहतर परिणाम चाहते हुए अभिभावक अपने बच्ची का दाखिला गांव के ही दूसरे स्कूल में करवाना चाहते है तो उस अभिभावक को 3000 रुपए का आर्थिक शुल्क बोर्ड कार्यालय को देना होगा। इसके बाद ही वो दूसरे स्कूल में बच्चों को पड़ा सकेगा। बोर्ड के इस फैसले का अभिभावकों की जेब पर भार पड़ेगा और उनके बच्चों की पढ़ाई महंगी हो जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर नौंवी या ग्यारहवीं कक्षा में कोई अभिभावक किसी स्कूल की पढ़ाई से संतुष्ट नही है और वो अगले आल दसवीं या बारहवीं कक्षा में दूसरे स्कूल का रुख करना चाहता है तो भी उसे 3 हजार रुपए का शुल्क बोर्ड कार्यालय को अदा करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि एसोसिएशन के प्रतिनिधि मण्डल ने बोर्ड चेयरमैन से सोमवार को मुलाकात कर इस मुद्दे पर बात की थी लेकिन उन्होंने इपसा की बात को अनसुना कर दिया। जिसके बाद एसोसिएशन की आपात मीटिंग फरीदाबाद में बुलाई गई जिसमें फैसला लिया गया कि बोर्ड के इस फैसले को माननीय उच्च न्यायालय में चुनौती दी जाएगी। इंडियन प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के लीगल एडवाइजर एडवोकेट डॉ तरुण अरोड़ा ने कहा कि हरियाणा सरकार व शिक्षा बोर्ड भिवानी हरियाणा शिक्षा बोर्ड को खत्म करके सीबीएसई को बढ़ाने का काम कर रही है जिसको लेकर किस प्रकार की गलत नीतियां दिखा रहे हैं ताकि हरियाणा बोर्ड के छात्रों को यह लग सके कि हरियाणा बोर्ड सिम्पल है और सीबीएसई बोर्ड में दाखिला ले सकते हैं। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में रिट पिटिशन दायर करेंगे।