उच्च कोलेस्ट्राल, धूम्रपान व गलत जीवनशैली बनती है हृदय के रोगों का कारण: डा. सिद्धांत बंसल

फरीदाबाद, 28 अप्रैल। भारत में हर वर्ष 28 प्रतिशत मृत्यु का कारण दिल का दौरा होता है जो कि पहले 15 प्रतिशत था और यह दर कोविड के बाद से लगातार बढ़ती ही जा रही है, लेकिन इसे सही कदमों से रोका जा सकता है। उक्त वक्तव्य एस.एस.बी हार्ट एंड मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल के वरिष्ठ कंसल्टेंट कार्डिलॉजी एंड डायरेक्टर डा. सिद्धांत बंसल ने व्यक्त करते हुए कहा कि हमने हाल ही में कई रोगियों को उनके 20 से 25 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ते देखा है; इसलिए, दिल की देखभाल जरुरी है। परिवार में हृदय रोग का इतिहास, 60 वर्ष से अधिक आयु, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, धूम्रपान और तनाव जैसे विभिन्न कारकों के कारण दिल का दौरा पडऩे का खतरा बढ़ सकता है। डा. बंसल ने बताया कि यदि आपसे पहले आपके परिवार में किसी को कम उम्र (50 वर्ष की आयु) में दौरा पड़ा था तो, इससे आपको कम उम्र में दिल का दौरा पडऩे का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि हृदय पर तनाव बढ़ाता है और हृदय की मांसपेशियों पर ज़ोर पड़ता है। इसका परिणाम अनियमित हृदय क्रिया में होता है और दिल का दौरा पडऩे का जोखिम बढ़ जाता है। वहीं अगर आपको मधुमेह है तो हृदय रोगों के विकसित होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। मधुमेह के मरीज अपना ब्लड शुगर नियंत्रण में रखें क्यूंकि उच्च ब्लड शुगर हृदय की धमनियों में रुकावट पैदा करता है जिससे दिल का दौरा हो जाता है। डा. सिद्धांत बंसल ने बताया कि अधिक स्तर का कोलेस्ट्रॉल आपके दिल के दौरा पडऩे की संभावना को बढ़ाता है।

यदि आपको उच्च कोलेस्ट्रॉल है जो आपकी धमनियों में रुकावट पैदा कर सकता है और आपके रक्त वाहिकाओं में जमा होकर उन्हें बंद भी कर सकता है। वहीं धूम्रपान करने से हृदय रोग होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। धूम्रपान कम आयु में दिल का दौरा पडऩे का प्रमुख कारण होता है, नियमित शारीरिक गतिविधि जैसे प्रतिदिन 30 मिनट की मध्यम-तीव्रता वाले व्यायाम हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकते हैं, अधिक तनाव आपका ब्लड प्रेशर बढ़ता है जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ता है।

उन्होंने बताया कि धूम्रपान छोड़ कर दिल के दौरे के जोखिम को कई गुना कम करा जा सकता है। एक अच्छी जीवनशैली बनाए रखने के लिए रक्तचाप, मधुमेह, वजन और तनाव पर नियंत्रण बहुत जरूरी है। हालाँकि, यदि आप अभी भी हृदय रोग के जोखिम में हैं, तो बिना चूके नियमित स्वास्थ्य जाँच करवाना और उनकी दवाएं लेना महत्वपूर्ण है। जितनी जल्दी आप इलाज करवाते हैं, आपके ठीक होने की संभावना उतनी ही बेहतर होती है, क्योंकि दिल के दौरे में पहला एक घंटा सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। उन्होंने बताया कि हर व्यक्ति को बीस वर्ष की आयु के बाद अपना ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर, और ब्लड कोलेस्ट्रॉल की जाँच हर साल करानी चाहिए। एस.एस.बी हार्ट एंड मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल में दिल के दौरे और इसकी सभी जटिलताओं से निपटने के लिए चौबीसों घण्टे डॉक्टरों की एक अनुभवी टीम उपलब्ध रहती है।

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