देश में पर्व बन गया है पीएम मोदी के मन की बात: मुथरेजा

बडख़ल विधानसभा में राजन मुथरेजा के संयोजन में कार्यकर्ताओं ने सुनी मन की बात

फरीदाबाद, 30 अप्रैल।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मन की बात का कार्यक्रम केवल भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक पर्व बन गया है। उक्त वाक्य भाजपा के कोषाध्यक्ष व युवा समाजसेवी राजन मुथरेजा ने पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। राजन मुथरेजा के संयोजन में बडख़ल विधानसभा क्षेत्र के बूथ नंबर 18,19, 20, 21 पर मन की बात के 100वें विशेष कार्यक्रम को सैंकड़ों लोगों ने सुना। इस मौके पर भाजपा के जिलाध्यक्ष गोपाल शर्मा मुख्य रूप से मौजूद रहे। उनके अलावा मंडल अध्यक्ष अमित आहुजा, श्याम सुंदर मुथरेजा समाजसेवी के अलावा महंत मंगलनाथ जी महाराज, गुरु गोंसाई भूषण बाली, गोस्वामी योगेश, गोस्वामी हरीश बाली, गोस्वामी निलंबर, संजय शर्मा, सुनील भाटिया, सतीश कपूर, सुदेश भाटिया, अशोक मुथरेजा, बलविंदर खत्री, जोगेंद्र झांब, जयदयाल चावला, चंद्रमोहन आजाद, रमेश भाटिया, कवल नयन गांधी, मुकुंद शर्मा, तुषार मेंहदीरत्ता, गौरव तनेजा, विजय कालरा, सनी खत्री, विजय मेंहदीरत्ता, विक्रांत भाटिया, दुष्यंत भाटिया, सचिन कपूर, झांगी राम आहूजा सहित बूथ के स्थानीय निवासी काफी संख्या में मौजूद रहे। इस मौके पर राजन मुथरेजा ने कहा कि पीएम मोदी इस कार्यक्रम में राजनीति से अलग हटकर समाज के अलग अलग क्षेत्रों, प्रतिभाओं, इनोवेशन, उदाहरण, बदलावों की चर्चा करते आ रहे हैं।

ये ऐसे लोग हैं जो गुमनाम रहकर समाज की सेवा में योगदान दे रहे हैं। समाज और देश की तरक्की के लिए काम कर रहे हैं। पीएम मोदी ने तीन अक्टूबर 2014 को आकाशवाणी के जरिए मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत की थी और आज देश-विदेश में यह कार्यक्रम उत्साह के साथ सुना जाता है। वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष गोपाल शर्मा ने कहा कि आज पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना है। हर विधानसभा में 100 कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं जिसमें भारी संख्या में उत्साह के साथ लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मन की बात का श्रवण किया है। गोपाल शर्मा ने कहा कि पीएम मोदी की लोकप्रियता का प्रमाण इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज 100वें एपिसोड को सुनने के लिए लोगों में खासा उत्साह है। इस मौके पर सभी ने पीएम मोदी के मन की बात सामूहिक रूप से सुनीं और इसे सराहा।

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