साइबर ठग, व्हाट्सएप व फेसबुक पर परिचित की फोटो लगा करते है बात, मजबूरी बताकर उधार रूयये की मांग करके कर रहे है ठगी

जल्दबाजी में पैसे न करें ट्रांसफर, पैसे मांगने वाले की ले पूर्ण जानकारी

फरीदाबाद,14 मई। पुलिस साइबर ठगो के चक्रव्यूह को तोडऩे में लगी हुई है हाल ही में हरियाणा पुलिस के द्वारा साइबर अपराध के खिलाफ मेवात में बड़ा सर्च अभियान चलाया गया था। इस ऑपरेशन में हरियाणा पुलिस द्वारा जिला नूंह में साइबर जालसाजों के ठिकानों पर एक साथ 27/28 अप्रैल की मध्यरात्रि को 5000 पुलिसकर्मियों की 102 टीमों ने जिले के 14 गांवों में एक साथ छापेमारी की थी जिसमें फरीदाबाद पुलिस के भी करीब 500 साइबर एक्सपर्ट शामिल थे। करीब 125 संदिग्ध हैकर्स को हिरासत में लिया गया था। आरोपियों द्वारा देश भर में लगभग 100 करोड़ रुपये की साइबर ठगी का खुलासा हुआ है।  साइबर ठगी की इन वारदातों को देखते हुए डीसीपी मुख्यालय एवं साइबर अपराध नोडल अधिकारी श्री हेमेंद्र कुमार मीणा के निर्देश पर आमजन की जागरूकता के लिए फरीदाबाद पुलिस की तरफ से साइबर अपराध से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। डीसीपी हेमेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि साइबर अपराधी व्हाट्सएप व फेसबुक पर आपके परिचित की फोटो लगाकर योजना के तहत कोई झूठा कारण बताकर 2 दिन,4 दिन या एक हफ्ता के नाम पर रुपये उधार की मांग करके ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं। कुछ भोले-भाले व्यक्ति ठग द्वारा बताई गई कथित मजबूरी को वास्तविकता समझकर बिना किसी जांच पड़ताल या पूछताछ के पैसे ट्रांसफर कर देते हैं। जिसकी वह बाद में जानकारी लेते हैं तो उन्हें पता चलता है कि उनके साथ फ्रॉड हो चुका है इसीलिए जल्दबाजी में पैसा ट्रांसफर ना करें। अगर परिचित को रुपए की जरूरत है तो पूरी जानकारी लेने के बाद ही आगे का कदम उठाएं। आजकल के आधुनिक युग में हर नागरिक किसी न किसी माध्यम से इन्टरनेट से जुड़ा हुआ है। इन्टरनेट की इसी कनेक्टिविटी की वजह से हर नागरिक सेकिंडों में एक दुसरे से संपर्क कर सकता है परन्तु कुछ फ्रॉड प्रवृति के लोग इसका गलत इस्तेमाल करके भोले-भाले लोगों के जीवन भर की कमाई को पलक झपकते ही उड़ा लेते हैं। अपराधी साइबर फ्रॉड के नए नए तरीके खोजते रहते हैं जिनमे से कुछ इस प्रकार है:

ऐसे होती है साइबर ठगी:आरोपी व्हाट्सएप व फेसबुक पर आपके दोस्त या जानकर की फोटो लगाकर आपसे पैसे मांगते हैं। जो पीडि़त विश्वास में आकर बिना किसी जानकारी के पैसे ट्रांसफर कर देता है जिसे बाद में जानकारी मिलती है कि उसके साथ साइबर फ्रॉड हो चुका है। अगर पैसे देने वाला कोई क्वेश्चन करता है तो आरोपी बहाने बनाता है कि वह मीटिंग में है वह ज्यादा बात नहीं कर सकता और उसे पैसे की तुरंत आवश्यकता है कृपया इस अकाउंट में पैसे डाल दो। आनन-फानन में पीडि़त प्रोफाइल फोटो व  नाम से ही धोखा खा जाता है और पैसे ट्रांसफर कर देता है। इसके साथ ही कई बार कंप्यूटर में इस्तेमाल किए गए व्हाट्सएप के स्कैन कोड को हैक करके जानकारी लेकर भी वारदात को अंजाम दिया जाता है।

हनी ट्रैप: लोगों के साथ ठगी का सबसे नया तरीका है हनी ट्रैप। इसमें किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म की सहायता ली जाती है जिसमे सबसे प्रमुख है फेसबुक। इसमें लड़कियां लोगों को मेसेज भेजकर उनके साथ विडियोकॉल के माध्यम से सम्बन्ध स्थापित करती है और इस विडियोकॉल को रिकॉर्ड करके उन्हें ब्लैकमेल करती है। पीडि़त को विडियो वायरल के नाम पर ब्लैकमेल किया जाता है जिसमे बदनामी के डर से पीडि़त इनके जाल में फसकर उन्हें पैसे ट्रान्सफर कर देता है। एक बार पैसे मिलने पर यह ठग उसे बार-बार ब्लैकमेल करते हैं और बार बार पैसे वसूलते हैं वहीँ पीडि़त बदनामी के डर से यह बात किसी को बता भी नहीं सकता।

 इन बातों का ध्यान रखने से बच सकते हैं ठगी से:-
फेसबुक या किसी भी प्लेटफार्म पर अनजान लोगों की दोस्ती न स्वीकार करें। इन्हें तुरंत ब्लॉक कर दें और इनके संपर्क में आने से बचें
आपके किसी परिचित का प्रोफाइल फोटो लगाकर अगर आपसे कोई पैसे की डिमांड करता है तो आप तुरंत सतर्क हो जाइए क्योंकि कोई भी व्यक्ति संकट के समय मैसेज भेज कर मदद नहीं मांगेगा।
व्हाट्सएप के सेटिंग में कई सुरक्षा की प्रणालियां है उन सभी को गौर से पढ़ें और उन्हीं सभी सेटिंग को अपने व्हाट्सएप में लागू करें।
व्हाट्सएप पर अपने प्रोफाइल फोटो को सुरक्षित करके रखें ताकि उसे कोई चुरा ना सके या फिर जो लोग आपके फोन लिस्ट में हैं वही सिर्फ आपका प्रोफाइल फोटो देख सकें।
आपका व्हाट्सएप अकाउंट हैक हुआ है तो आपको तुरंत ही अपना व्हाट्सएप रिसेट करना है। इसके बाद आपको व्हाट्सएप में दोबारा पहले जैसे ही लागिन करना पड़ेगा उसके बाद आपके अकाउंट पर ओटीपी आएगा और अपराधी द्वारा हैक किया हुआ अकाउंट लाग आउट हो जाएगा। यह प्रक्रिया आपको जल्द से जल्द करनी है। सबसे पहले आपको यह ध्यान रखना है कि व्हाट्सएप बिना आपकी अनुमति कोई भी ओटीपी नहीं भेजता है। ऐसा कोई भी ओटीपी आता है तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए।
व्हाट्सएप पर जालसाज आपके करीबी बनकर ही आपसे लूट कर सकते हैं। आपसे कोई भी करीबी बनकर मदद मांग रहा है तो सबसे पहले उसे काल कीजिए और किसी भी ओटीपी की जानकारी नहीं दीजिए। आपको सेफ्टी को बढ़ाने के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन विकल्प ऑन करना चाहिए। ऐसे में हैकर्स को रोका जा सकता है।
अगर साइबर धोखाधड़ी के शिकार हो जाते हैं तो https://cybercrime.gov.in/ पर शिकायत दर्ज कराएं  साथ ही ऑनलाइन धोखाधड़ी होने पर तुरंत टोल फ्री नंबर 1930 / 112 पर तुरंत शिकायत दे।

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