उद्यमिता और कौशल विकास को मिलेंगे नए आयाम-नेहरू

श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय और हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के बीच हुआ एमओयू

फरीदाबाद, 07 जून। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय और हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय मिल कर उद्यमिता और कौशल विकास को बढ़ावा देंगे। दोनों विश्वविद्यालयों के बीच बुधवार को इसी संदर्भ में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू और हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल की उपस्थिति में अधिकारियों ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय देश का पहला कौशल विश्वविद्यालय है और देश में कौशल शिक्षा को डिजाइन करने से लेकर उसे लागू करने की दिशा में इस विश्वविद्यालय ने एक परिपाटी स्थापित की है। इस विश्वविद्यालय को कौशल शिक्षा के अन्वेषक के तौर पर देश भर में देखा जा रहा है। इसी कड़ी में देश के विभिन्न राज्यों के विश्वविद्यालय श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर कौशल विकास और उद्यमिता के क्षेत्र में आगे बढ़ने की दिशा में काम कर रहे हैं।
इस ताजा समझौता ज्ञापन के अनुसार दोनों संस्‍थान ज्ञान और अनुभव के विनिमय में सुधार के लिए सम्मेलन, कार्यशाला, संगोष्ठी, संगोष्ठी, प्रशिक्षण, संकाय विकास कार्यक्रम और व्याख्यान आदि का संयुक्त रूप से आयोजन करेंगे। छात्रों और शोधार्थियों के लाभ के लिए संकायों एवं विशेषज्ञों का आदान-प्रदान होगा I वहीं पाठ्य पुस्तकों, ऑडियो-वीडियो, प्रकाशनों, रिपोर्टों और अन्य शिक्षण सहायक सामग्रियों सहित पुस्तकों, पत्रिकाओं और शिक्षण सामग्रियों को साझा किया जाएगा। वहीं विश्वविद्यालय डिग्री कार्यक्रमों के एक भाग के रूप में दोनों विश्वविद्यालयों के छात्रों को एक विशिष्ट समय (किसी भी कार्यक्रम के प्रत्येक वर्ष के दौरान) के लिए इंटर्नशिप के लिए अवसर प्रदान किया जाएगा I यह इंटर्नशिप एक पेशेवर सेटिंग में एक संरचित और पर्यवेक्षित प्रक्रिया के माध्यम से छात्रों को सीखने की सुविधा प्रदान करेगी।
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि देश में कौशल शिक्षा को व्यापक स्तर पर युवाओं तक पहुंचाने की आवश्यकता है, ताकि युवा अपने आप में सक्षम बनें। ना केवल स्वरोजगार को अपनाएं बल्कि दूसरों को भी रोजगार दें। इसी लक्ष्य को लेकर श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय उद्यमिता विकास की धुरी के रूप में काम कर रहा है। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के साथ हुए इस समझौता पत्र से दोनों विश्वविद्यालयों को फायदा होगा। डॉ. राज नेहरू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी राज्य है इस लिहाज से यहां कौशल और उद्यमिता विकास की न केवल आवश्यकता है बल्कि असीम संभावनाएं भी हैं। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि इस समझौता ज्ञापन के बाद हिमाचल प्रदेश में कौशल और उद्यमिता विकास पर तीव्र गति से काम होगा।
हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने हर्ष जताते हुए कहा कि निश्चित तौर पर श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय, हरियाणा के साथ हुआ विश्वविद्यालय का यह समझौता ज्ञापन दोनों संस्थानों के छात्रों के लिए कौशल विकास के क्षेत्र में काफी फायदेमंद साबित होगा। इससे अनुसंधान कार्यों से लेकर छात्र विकास गतिविधियाँ, संकाय विकास गतिविधियों आदि को काफी बढ़ावा मिलेगा।
इस मौके पर गुजरात केंद्रीय विश्वविद्लाय के कुलपति प्रो. रामाशेखर दूबे, लद्दाख केंद्रीय विश्वविद्लाय के कुलपति प्रो. एसके मेहता और गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार के अलावा कुलसचिव प्रो. विशाल सूद, श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रो. ज्योति राणा और प्रो. रंजना अग्रवाल भी मौजूद रहीं।

Related Articles

Back to top button