प्रशासन की लापरवाही का खमियाजा भुगत रहे खेड़ी रोड के दुकानदार : नितिन सिंगला
फरीदाबाद, 30 जुलाई। फरीदाबाद विधानसभा 89 के अंतर्गत आने वाली खेड़ी रोड पर बनाई गई आरएमसी सडक़ व नाले में ठेकेदार द्वारा बरती गई लापरवाही के चलते दुकानदारों व व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उक्त नाले के निर्माण में कच्ची पीली ईट के इस्तेमाल किए जाने के चलते बरसात का पानी यहां बनी दुकानों की बैसमेंटों में चला गया, जिसके चलते इलेक्ट्रोनिक, कपड़े, किरयाना, प्लाईवुड्र, फर्नीचर व मैटीरियल सप्लायर का लाखों-करोड़ों का माल खराब हो गया।
पीडि़तों दुकानदारों के बुलावे पर फरीदाबाद युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष एवं प्रदेश प्रवक्ता नितिन सिंगला ने आज मौके पर पहुंचकर दुकानदारों का दुखड़ा सुना। पीडि़त दुकानदारों अजब सिंह नागर, योगेश अग्रवाल, प्रदीप गर्ग, राकेश राजपूत, संजय बिहारी, ओमप्रकाश शर्मा, चौधरी लिखीराम, राजेश शर्मा, दीपक गुप्ता, नरेश सैनी, सूरज ढेडा, श्श्यामवीर, धीरज गुप्ता, सोनू जैन ने बताया कि दुकानों में पानी आ जाने के चलते उनका सारा समान खराब हो गया है, एक तरफ वह वैसे ही मंदी की मार झेल रहे है, उस पर इस नुकसान ने उनकी कमर तोडऩे का काम किया है।
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दुकानदारों की समस्या सुनने के बाद नितिन सिंगला ने कहा कि भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार का बोलबाला है, अमूमन तो इस सरकार में काम होते नहीं और अगर कुछ होते भी है तो उनमें बड़े पैमाने पर घपला किया जाता है। उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी विभाग की लापरवाही के चलते आज अनेकों दुकानदारों की रोजी रोटी तबाह हो गई है, एक-एक दुकानदार का करीब पांच-पांच लाख का माल खराब हो गया है, इतने बड़े स्तर पर उनका नुकसान हुआ है, इस नुकसान की भरपाई कौन करेगा? उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से पीडि़त दुकानदारों के साथ है और उन्हें न्याय दिलाने के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेगी।
नितिन सिंगला ने हरियाणा सरकार से मांग की कि जिस ठेकेदार ने यह सडक़ और नाले बनवाए है, उसकी जांच करके उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए और उसकी पैमेंट रोकी जाए तथा उक्त नाले को नेशनल हाईवे अथॉरिटी की तर्ज पर पक्का आरएमसी बनाया जाए ताकि भविष्य में सडक़ का पानी दुकानों में न जा सके वहीं जिन-जिन दुकानदारों का नुकसान हुआ है, प्रशासन को उन्हें मुआवजा दिया जाना चाहिए तथा इस मामले में जिम्मेदार नगर निगम व पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों पर भी कार्यवाही करनी चाहिए, जिन्होंने टेंडर सांठगांठ करके ऐसी कंपनी को दिया, जिसका खमियाजा दुकानदारों को उठाना पड़ा।