मथुरा नर्सिंग होम एसोसिएशन ने किया एकॉर्ड अस्पताल का दौरा

डॉक्टरों ने कहा कि अस्पताल में विश्व स्तरीय इलाज की सुविधा उपलब्ध

फरीदाबाद, 31 जुलाई । नर्सिंग होम एसोसिएशन मथुरा के वरिष्ठ डॉक्टरों ने ग्रेटर फरीदाबाद सेक्टर-86 स्थित एकॉर्ड अस्पताल का दौरा किया और सुविधाओं की जानकारी की। अस्पताल में उपलब्ध विश्व स्तरीय सुविधाओं से वह काफी प्रसन्न हुए। इस मौके पर सेमिनार का भी आयोजन किया गया। जिसमें एसोसिएशन के एडवाइजरी बोर्ड मेंबर डॉ. अशोक अग्रवाल, संस्थापक सदस्य डॉ. अवधेश अग्रवाल, डॉ. आरके गुप्ता, एसोसिएशन के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. आरके चतुर्वेदी, पूर्व अध्यक्ष डॉ. एसके वर्मन, आईएमए अध्यक्ष, डॉ. पवन अग्रवाल, एसोसिएशन के महासचिव डॉ. ललित वाष्र्णेय मु य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

अस्पताल चेयरमैन डॉ. प्रबल रॉय ने सभी का बुके देकर सभी का सदस्यों का स्वागत किया। डॉ. प्रबल रॉय ने एसोसिएशन के सदस्यों को संबोधित करते हुए बताया कि अस्पताल में वैरिकोज वेंस का पूरा इलाज उपलब्ध है। उन्होंने वेरीकोज विंस के विषय में बताया कि वैरिकोज वेन्स को वेरिकोसाइटिस भी कहा जाता है। ये समस्या तब उत्पन्न होती है जब नसें बड़ी, चौड़ी या रक्त से ज्यादा भर जाती हैं। वैरिकोज वेन्स अक्सर सूजी और उभरी हुई नसों के रूप में सामने आती हैं और ये नीले या लाल रंग की दिखती हैं जिनमें अक्सर दर्द महसूस होता है। अस्पताल में इसके उच्च स्तरीय इलाज के लिए लेटेस्ट तकनीक की वैस्कुलर लैब बनाई गई है। कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के चेयरमैन डॉ. ऋषि गुप्ता ने कहा कि हाल के समय में दिल के मरीज तेजी से बढ़े हैं। हार्ट अटैक के मामलों में भी जोरदार इजाफा हुआ है। सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं, युवा और फिट-हेल्दी दिखने वाले भी इसकी चपेट में आए हैं।

इन मामलों को रोकने और बीमारी की समय रहते पहचान में टीएवीआर (ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट) या जिसे कभी-कभी ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व इ प्लांटेशन (टीएवीआई) भी कहा जाता है। काफी सफल साबित हुआ है। हि तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति को दिल का दौरा पडऩे के लक्षणों का सामना करना पड़ा। अस्पताल ऑर्थो एवं ज्वाइंट रिप्लेसमेंट डिपार्टमेंट चेयरमैन डॉ. युवराज कुमार ने बच्चों से लेकर बड़ों तक में बोन एंड जॉइंट तथा रिवर्स शोल्डर इंजरी का आधुनिक तकनीक से सफल इलाज के विषय में बताया।

गैस्ट्रोएंटरोलॉजी डिपार्टमेंट के चेयरमैन डॉ. रामचंद्र सोनी ने कहा कि आज अस्पताल में गेस्ट्रोलॉजी संबंधी सभी बीमारियों का नवीनतम तकनीक से पूर्ण इलाज उपलब्ध है। नेफ्रोलॉजी डिपार्टमेंट चेयरमैन डॉ. जितेंद्र कुमार ने अस्पताल में उपलब्ध एडवांस डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट की जानकारी दी।  न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के चेयरमैन डॉ. रोहित गुप्ता ने कहा कि मैकेनिकल थ्रो बेक्टोमी से लकवाग्रस्त मरीज का 24 से घंटे तक इलाज किया जा सकता है। इस तकनीक से लकवाग्रस्त मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो सकता है। इसलिए सभी इसका लाभ उठाएं। इस अवसर पर अनेक डॉक्टर मौजूद रहे।

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