आज हर भारतवासी के लिए खुशी का दिन पूरा देश तिरंगे के रंगों में रंगा है : राज्य मंत्री संदीप सिंह

कहा, आज हर गली, हर मोहल्ले के हर घर हर दफ्तर में तिरंगा और हर वाहन तथा हर हाथ में तिरंगा है

फरीदाबाद, 15 अगस्त। हरियाणा के राज्य मंत्री संदीप सिंह ने  देश की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानीगण के परिजन, सम्मान के योग्य बुजुर्गों, माताओं, भाइयों बहनों, प्यारे बच्चों, जिला प्रशासन के अधिकारी गण, पत्रकार-छायाकार बंधुओं सहित उपस्थित जनता को सम्बोधित करते हुए  आजादी की 77वीं वर्षगांठ के पावन अवसर पर मैं आप सभी को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि  देश की सीमाओं पर मुश्किल हालातों के बीच मुस्तैदी से तैनात वीर जवानों को भी स्वतंत्रता दिवस की विशेष तौर पर बधाई देता हूं। आज हर भारतवासी के लिए खुशी का दिन है। आज हर गली, हर मोहल्ले में तिरंगा है। हर घर हर दफ्तर में तिरंगा है। हर वाहन, हर हाथ में तिरंगा है। पूरा देश तिरंगे के रंगों में रंगा है। पूरा देश देशभक्ति के रंग में रंगा है। प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी मंत्री संदीप सिंह स्थानीय सेक्टर-12 के हेलीपैड ग्राउंड में 77 वे जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि इस दिन के लिए मा भारती के न जाने कितने ही सपूतों ने अपना सब कुछ बलिदान कर दिया। इसी दिन के लिए असंख्य देशभक्तों ने कष्ट झेले और यातनाएं सही। इस पावन अवसर पर आजादी की बलिवेदी पर अपने प्राणों की आहुति देने वाले सभी ज्ञात-अज्ञात शहीदों को नमन करता हूँ और उन वीर सैनिकों की भी सलाम करता हूं, जिन्होंने आजादी के बाद देश की एकता व अखंडता की खातिर अपने प्राण न्योछावर कर दिए हैं । उन्हीं के अनुपम बलिदान के कारण आज हम आजादी की खुली हवा में सांस ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे आज यहां ध्वजारोहण करते हुए गर्व की अनुभूति हो रही है। आप सभी जानते हैं। पिछले दो साल से हम सब ‘आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे थे। इस महोत्सव के समापन अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने मेरी माटी मेरा देश अभियान शुरू किया है। गत 9 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन’ की वर्षगांठ पर शुरू किए गए। इस अभियान में देश के हर गांव व हर शहर की मिट्टी इकट्ठी की जा रही है। हम सभी जानते हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के आंदोलन की पहली चिंगारी 10 मई, 1857 को हरियाणा के अम्बाला से फूटी थी। उस चिंगारी ने आगे चलकर ऐसा जन-आन्दोलन खड़ा किया, जिसके बलबूते हम सन 1947 में अंग्रेजी हुकूमत को उखाड़ फेंकने में कामयाब रहे। इस आंदोलन के बलिदानियों की देशभक्ति से हमारी युवा पीढ़ी प्रेरणा हासिल करें. इसके लिए हम अम्बाला छावनी में शहीदी स्मारक बना रहे हैं। आजादी के बाद भी 1962, 1965 व 1971 के विदेशी आक्रमण से लेकर कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए सैनिक व अर्धसैनिक बलों के जवानों की अनुग्रह राशि बढ़ाकर 50 लाख रुपए की गई है। आई.ई.डी. (I.E.D.) ब्लास्ट के दौरान शहीद होने पर भी अनुग्रह राशि बढ़ाकर 50 लाख रुपए की गई है। अब तक शहीदों के 367 आश्रितों को अनुकम्पा के आधार पर नौकरी प्रदान की गई है। हरियाणा के राज्य मंत्री संदीप सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि मेरी माटी- मेरा देश अभियान में ऐसे ही वीरों के नाम पूरे देश के गांवों के गौरव पट्ट पर अंकित किए जा रहे हैं।

सुशासन से सेवा के संकल्प के साथ जनसेवा का दायित्व संभालने वाली वर्तमान सरकार ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के सबका साथ-सबका विकास और हरियाणा एक-हरियाणवी एक के मूलमंत्र पर चलते पूरे हरियाणा और हरेक हरियाणवी की तरक्की और उत्थान के लिए काम किया है। भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए पारदर्शी शासन दिया है। गीता के कर्म के संदेश की इस पावन भूमि के इतिहास में धार्मिक असहिष्णुता और हिंसा का कोई स्थान नहीं रहा है। इसी के अनुरूप हम प्रदेश में प्रेम, प्यार और भाईचारे की बयार बहाने के लिए निरंतर काम कर रहे हैं। पिछले 9 साल में हरियाणा सदस्य व, सौहार्द समान विकास, समरसता के साथ-साथ उन बदलावों का बाहर आदमी का जीवन सरल, सुगम और सुरबाला हुआ है। हमने जनसेवा और जनता के बीच दीवार बन चुकी व्यवस्था को मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल जी के कुशल नेतृत्व में न केवल बदलने का काम किया गया है, बल्कि ऐसी व्यवस्था देने का प्रयास किया गया है, जिसमें जन-जन को योजनाओं और सेवाओं का लाभ सरल तरीके से प्राप्त हो। देश की आजादी से लेकर लम्बे समय तक गरीब कल्याण की बातें ती की जाती रही, लेकिन उनका लाभ पात्र तक नहीं पहुंच पाया। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के अंत्योदय के दर्शन के अनुरूप प्रदेश के सभी परिवारों का पहचान पत्र बनाया, जिससे पात्र परिवारों की पहचान कर योजनाओं का लाभ देना सुनिश्चित किया गया। आज जनता और सरकार का संपर्क सीधा है। हमने प्रशासन में मानव हस्तक्षेप को न्यूनतम करने के लिए आई.टी. का बड़े पैमाने पर प्रयोग किया है। पहले व्यवस्था पारदर्शिता नहीं होने के कारण बिचौलिया तंत्र मजबूत हो गया था जिसके कारण पात्र अपने अधिकार से वंचित हो जाता था।

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