स्वस्थ जीवनशैली व नियमित स्वास्थ्य जांच से दिल की बीमारियों से बचाव संभव : डा. एस.एस. बंसल

विश्व हृदय दिवस पर वरिष्ठ हृदय विशेषज्ञ ने लोगों को किया जागरूक

फरीदाबाद। हर साल 29 सितंबर को हम विश्व हृदय दिवस को मनाते हैं। यह दिन हृदय रोग के बारे में जागरूकता फैलाने के एक अंतरराष्ट्रीय अभियान का हिस्सा है क्योंकि दुनिया में हर साल 1.7 करोड़ लोग हृदय अटैक की वजह से मर जाते हैं, जिसमें सबसे अधिक मौतें भारत में होती हैं। दुनिया के अधिकांश हिस्सों में आधुनिक जांच और उपचार के तौर-तरीके उपलब्ध होने के बावजूद यह पूरी दुनिया में हो रहा है। हृदय रोग की शीघ्र पहचान और समय पर इलाज से इसे आसानी से रोका जा सकता है। बीमारी की मूक प्रकृति और इसके जोखिम कारकों के कारण लोगों को नियमित स्वास्थ्य जांच के महत्व के बारे में शिक्षित करने की आवश्यकता है। यह जानकारी देते हुए एसएसबी हार्ट एंड मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल के सीएमडी एवं वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. एस. एस. बंसल ने बताया कि हार्ट अटैक की अचानक और शांत प्राकृतिकता और जाँच में देरी मौत के मुख्य कारण हैं।

भारत में हर साल हार्ट अटैक की वजह से लाखों लोगों अपना जीवन खो देते हैं, जिनमें 16 प्रतिशत लोग हार्ट अटैक के एक घंटे के भीतर ही मर जाते हैं, इससे पहले कि वे या उनके परिवार जन यह जान पाएं कि उन्हें हार्ट अटैक हुआ है, वे अक्सर अचानक ही मर जाते हैं। उन्होंने बताया कि हार्ट अटैक कभी कभी सोते समय भी आ जाता है और मरीज को उसकी जाँच  या इलाज करवाने का भी मौका नहीं मिलता। इसमें बिना किसी लक्षण के अचानक मृत्यु होना एक आम बात हो गयी है। कोलेस्ट्रॉल ब्लॉक वर्षों तक मानव हृदय में चुपचाप तब तक बनता रहता है जब तक कि ब्लॉक 70 प्रतिशत या उससे अधिक तक नहीं पहुंच जाता। हृदय रोग से पीडि़त लगभग 30 से 40 प्रतिशत व्यक्तियों में, विशेष रूप से मधुमेह रोगियों में, 90 प्रतिशत से अधिक मरीजों के गंभीर ब्लॉक भी कोई लक्षण नहीं दिखाते। हालांकि दिल का दौरा 50 प्रतिशत ब्लॉक के साथ भी हो सकता है जो ज़ोरदार शारीरिक गतिविधि या व्यायाम में अचानक वृद्धि के कारण हो सकता है।

यही कारण है कि सबसे विश्वसनीय परीक्षण द्वारा शीघ्र पता लगाना इस साइलेंट किलर से होने वाली मृत्यु को रोकने का एकमात्र उपाए है। शीघ्र पता लगाने के लिए सबसे विश्वसनीय परीक्षण सी.टी कोरोनरी कैल्शियम स्कोरिंग और सी.टी कोरोनरी एंजियोग्राफी है। इसलिए हमने एस.एस.बी. अस्पताल में अपने अधिकांश स्वास्थ्य जांच पैकेजों में सी.टी कैल्शियम स्कोरिंग को शामिल किया है। उन्होंने बताया कि हर आयु वर्ग में दिल का दौरा पडऩे की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। एस.एस.बी. हार्ट एंड मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में, हमारा सबसे कम उम्र का दिल का दौरा पडऩे वाला मरीज सिर्फ 19 साल का एक स्कूल जाने वाला लडक़ा था और सबसे बड़ी उम्र का मरीज 107 साल का था। समय पर आपातकालीन एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग से दोनों को बचा लिया गया। हालाँकि यह पुरुषों में अधिक है लेकिन, महिलाएं भी इससे बची नहीं हैं। महिलाओं में भी यह किसी भी उम्र में हो सकता है।

इस साइलेंट किलर से अचानक होने वाली मौत को रोकने का सबसे अच्छा तरीका कोरोनरी धमनी कैल्शियम स्कोरिंग और कोरोनरी सी.टी एंजियोग्राफी के लिए विशेष सी.टी स्कैन मशीनों पर दिल की जांच करके प्रारंभिक चरण में हृदय धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमाव की पहचान करना है, जो एक बहुत ही सुरक्षित और गैर-आक्रामक ओ.पी.डी परीक्षण है। यह सभी उपयुक्त मरीजों में किया जाना चाहिए। यह हल्के से मध्यम हृदय रोग का भी पता लगा सकता है जिसे टी.एम.टी, स्ट्रेस इको या थैलियम या पी.ई.टी-सी.टी सहित कोई अन्य परीक्षण नहीं पकड़ सकता है।

सी.टी कोरोनरी एंजियोग्राफी पर हल्के से मध्यम हृदय रोग के पता चलता ही रोग की प्रगति को नियंत्रित करने के लिए स्टैटिन की दवा की आवश्यकता होती है और सी.टी एंजियो पर मध्यम से महत्वपूर्ण रोग मौजूद होने पर एस्पिरिन टैबलेट की भी आवश्यकता होती है। सी.टी एंजियोग्राफी में पाए गए मध्यम या गंभीर हृदय रोग वाले रोगियों में रेडियल एंजियोग्राफी की जानी चाहिए ताकि आवश्यक दवाओं के साथ समय पर एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग द्वारा गंभीर ब्लॉक का आकलन और इलाज किया जा सके। इस साइलेंट किलर से मौत को रोकने का यह सबसे अचूक तरीका है। उच्च रक्तचाप, मधुमेह और उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर जैसे प्रमुख जोखिम कारकों की उपस्थिति के लिए सभी व्यक्तियों की जांच 20 वर्ष की आयु से शुरू होनी चाहिए।

Related Articles

Back to top button