दशहरा त्योहार भारतीय संस्कृति के वीरता का पूजक, शौर्य का उपासक है : अजय गौड
![Dussehra festival is a worshiper of valor and valor of Indian culture: Ajay Gaur](/wp-content/uploads/2023/10/11-2-780x470.jpg)
फरीदाबाद, 25 अक्टूबर। श्री महावीर दल दशहरा कमेटी(रजि.) अखिल भारतीय लय्या बिरादरी एवं पंजाबी समाज द्वारा 74वां दशहरा सेक्टर-16ए के दशहरा मैदान में धूमधाम से मनाया। इस दशहरा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री के पूर्व राजनैतिक सचिव अजय गौड,निर्वतमान वरिष्ठ उपमहापौर देवेन्द्र चौधरी मौजूद थे। इसके अलावा गेस्ट ऑफ ऑनर,धर्मपाल ग्रोवर,प्रेम पसरीजा,पंकज नारंग ने भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
अखिल भारतीय लैय्या बिरादरी एवं पंजाबी समाज के पदाधिकारी जिसमें प्रधान धर्म बरेजा,सरपरस्त ओमप्रकाश नारंग,वरिष्ठ उपप्रधान लोकनाथ मिगलानी,महासचिव राज मिगलानी,अमीरचन्द गिरधर,संजीव सलूजा,राजेश अरोड़ा,यश बब्बर, गुरूजी एवं उपप्रधान तिलकराज मिगलानी,कोषाध्यक्ष ओमप्रकाश घीगड़ा,धनश्याम वधवा,दीनानाथ वधवा,किशन छाबड़ा,ताराचन्द दुरेजा,दीपक राज,अमित मिगलानी,टिंकू मिगलानी,मोहित नारंग,देवेन्द्र थरेजा,मोहित(वीर जी),राजू बतरा,कमल नारंग,मनीष मिगलानी,संजय धीगड़ा,धीरज शर्मा ने आए हुए अतिथियों का स्वागत पगड़ी पहनाकर और स्मृति चिन्ह्र भेंट कर किया।
इस मौके पर अजय गौड ने कहा कि यह त्योहार भारतीय संस्कृति के वीरता का पूजक, शौर्य का उपासक है। व्यक्ति और समाज के रक्त में वीरता प्रकट हो इसलिए दशहरे का उत्सव रखा गया है। उन्होनें कहा कि दशहरा का पर्व दस प्रकार के पापों- काम, क्रोध, लोभ, मोह मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी जैसे अवगुणों को छोडऩे की प्रेरणा हमें देता है। श्री गौड ने कहा कि विजयादशमी एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। राम की विजय के प्रतीक स्वरूप इस पर्व को विजयादशमी कहा जाता है। देवेन्द्र चौधरी,धरम बरेजा और राज मिगलानी ने कहा कि भारतीय संस्कृति सदा से ही वीरता व शौर्य की समर्थक रही है। दशहरे का उत्सव भी शक्ति के प्रतीक के रूप में मनाया जाने वाला उत्सव है। उन्होनें कहा कि रावण के बुरे कर्म पर श्रीराम की अच्छाई की जीत हुई इसलिए इसे बुराई पर अच्छाई की जीत के त्यौहार के रूप में मनाते है। कार्यक्रम को सफल और यादगार बनाने मेंं ओमप्रकाश डावर,पप्पू नागपाल,महेन्द्र कुमार,तिलक अरोड़ा,इन्द्र दुरेजा,कृष्णकांत आर्य,अरूण गोपाल,जगदीश चन्द्र गोयल,पंकज रामपाल,सचिन शर्मा,नितिन गुप्ता,सुनील गोयल,मनोज गुलाटी,राजीव गिरधर का महत्वपूर्ण योगदान रहा।