महिला सशक्तिकरण की जीती जागती मिसाल है श्री कृष्णा पिकल्स

फरीदाबाद, 05 नवम्बर। अब महिलाएं भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर क्षेत्र में पुरुषों की बराबरी कर रही हैं तथा समानता का प्रतीक बनकर उभर रहीं हैं। सूरजकुंड मेला परिसर में आयोजित प्रथम दिवाली उत्सव के दौरान श्री कृष्णा पिकल्स स्टाल पर  ऐसा देखने को मिला।

दिवाली उत्सव में श्री कृष्णा पिकल्स स्टाल पर स्टाल के मालिक जितेंद्र ने अपनी माता श्रीमती कृष्णा यादव के बारे में बताया कि कैसे शिक्षा से वंचित रहने के बावजूद भी श्रीमती कृष्णा यादव ने कामयाबी का सफर तय किया है। दिल्ली के नजफगढ़ में रहने वाली श्रीमती कृष्णा यादव एक छोटे से कमरे में अचार बनाना का काम शुरू किया था और अब वे अधिक से अधिक महिलाओं को रोजगार दे रही हैं। कृष्णा यादव ‘श्री कृष्णा पिकल्स’ की मालकिन हैं और आज 4 लघु इकाइयां चला रही हैं, जिनमें अचार से जुड़े 152 उत्पाद तैयार किए जाते हैं।

कृष्णा को यह सफलता इतनी आसानी से नहीं मिली, इसके लिए उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। अपनी मेहनत के दम पर 2014 में इनोवेटिव आइडिया के लिए राज्य की पहली चैंपियन किसान महिला अवार्ड, 2015 में नारी शक्ति सम्मान और प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति द्वारा सम्मान प्राप्त कर चुकी है।

श्री कृष्णा पिकल्स के स्टाल नंबर 974 पर आम, करौना, हरी मिर्च, लाल मिर्च, आंवला, अमड़ा, लहसुन, सरसों, मिक्स, करैला, लेसवा, मशरूम, हल्दी, अंदरक, प्याज, गोभी, गाजर समेत 150 तरह के आचार सहित 14 प्रकार के मुरब्बे और कई प्रकार के सिरके जिन्हें गन्ना, जामुन, सेब से तैयार किया गया है। इन अचारों की कीमत दो सौ रुपये से लेकर चार सौ रुपये किलो तक है और सिरके की कीमत  दो सौ रुपये से लेकर ढाई सौ रुपये तक है।
फोटो कैप्शन: अचार की खरीदारी करती महिलाएं।

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