देश विदेश में आज करोड़ों लोगों ने मनाई दीपावली : रेनू भाटिया

कहा, उत्सव नहीं महा उत्सव का दिन है आज

फरीदाबाद, 22 जनवरी। हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने सैंकड़ों राम भक्तों के साथ आज शोभा यात्रा का आयोजन किया। चेयरपर्सन रेनु भाटिया ने एनआईटी स्थित अपने निजी आवास से शोभा यात्रा का शुभारंभ किया जोकि एनआईटी-1 मैन मार्किट के बीच से निकलकर मिलाप दवाखाना से होते हुए कल्याण सिंह चौक, आर्य समाज रोड से सीधे गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल, एनआईटी 1 पर समाप्त हुई। इस शोभायात्रा का जगह-जगह पर राम भक्तों, दुकानदारों एवं वालंटियर्स ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। इस अवसर पर हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया द्वारा एनआईटी 1 मैन मार्किट में मिलाप दवाखाना चौक पर भगवान श्री राम जी की 22 फीट ऊंचे स्टैच्यू का अनावरण भी किया गया।
यात्रा में शामिल राम भक्त भगवान श्री राम के भजनों एवं भक्ति गीतों पर थिरके। वहीं चारों ओर जय श्री राम के नारों की गूंज सुनाई दी। शोभा यात्रा में महिला पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों के अलावा कॉलेजों और स्कूली छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस अवसर पर महिला आयोग की चेयरपर्सन ने भगवा रंग की पगड़ी पहन कर शोभायात्रा की अगुवाई की। महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने कहा कि आज का दिन उत्सव का नहीं महा उत्सव का दिन है।
हम सबका सौभाग्य है आज हम सब यह दिन देख पा रहे है। जब इतिहास लिखा जायेगा कि रामलला अयोध्या के मंदिर में विराजमान कब हुए तो आज के दिन जिक्र किया जाएगा। आज के दिन से बड़ा कोई उत्सव नहीं हो सकता। युग बदल रहा है जो इतिहास हम सबसे छुपाया गया वही इतिहास हमारे देश के प्रमुख नेता आज वापस लेकर आये है। हिन्दुस्तान का इतिहास बहुत गहरा और संस्कारी है। आज देश विदेश में रह रहे करोड़ों रामभक्तों का मन भावुक है क्योंकि सभी रामभक्तों को अपने प्रभु श्री राम के मंदिर निर्माण का पिछले 500 सालों से इंतज़ार था। इस पल को वर्णित करना बेहद कठिन है।
हर मन में राम नाम है। ऐसा लगता है कि हर मार्ग अयोध्या की ओर जा रहा है। सभी के मुख पर आज सिर्फ हर राम नाम का जाप है।  सभी के रोम रोम में राम रम गए हैं। ऐसे लग रहा है कि हम फिरसे भगवान राम के युग में प्रवेश कर गए हैं। आज के दिन हर एक राम भक्त के मन में गर्व और संतोष का भाव है। इस दिन के इंतजार में पांच सौ साल बीत गए। दर्जनों पीढ़ियों का भी इस अधूरी कामना को पूरा होते देखे बिना ही जीवन सम्पूर्ण हो गया। समाज के हर वर्ग ने अपनी विचारधारा और धार्मिक मूल्यों से ऊपर उठकर रामकाज के लिए स्वयं को समर्पित किया है। आज आत्मा प्रफुल्लित है कि मंदिर वहीं बना है जहां बनाने का संकल्प लिया गया था। यह गर्व की बात है। भगवान राम किसी एक के नहीं हैं, भगवान राम सबके हैं। हर भारतीय भगवान राम की पूजा करता है। हर किसी की उन में आस्था है चाहे भगवान के रूप में, या एक आदर्श पुरुष के रूप में या मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में आस्था रखता है।

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