अपनी कल्याणकारी क्षमता बढ़ाएं- प्रोफेसर कुठियाला
पलवल। हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर बृज किशोर कुठियाला ने कहा कि हम अपनी कल्याणकारी क्षमता बढ़ाएं। यदि हमारा हर निर्णय कल्याणकारी होगा तो सभी समस्याएं स्वयं समाप्त हो जाएंगी। वह बृहस्पतिवार को श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के शिक्षा शास्त्र विभाग द्वारा आयोजित क्षमता निर्माण कार्यक्रम में वरिष्ठ शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे।
प्रोफेसर कुठियाला ने शासन, प्रशासन एवं प्रबंधन विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। इससे पूर्व कुलपति डॉ. राज नेहरू एवं कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने प्रोफेसर बृज किशोर कुठियाला को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया और उन्हें अपनी- अपनी पुस्तक ‘अहं शिवम्’ और ‘जिंदगी सौ बटा सौ’ भेंट की।
प्रोफेसर कुठियाला ने कुलपति डॉ. नेहरू की पुस्तक का उद्वरण देते हुए कहा कि हमें जीवन में ‘सत्यम-शिवम्-सुंदरम’ के सूत्र को अपनाना चाहिए। हर व्यक्ति शिवत्व की क्षमता रखता है। यदि उसका प्रत्येक कार्य कल्याणकारी भावना से होगा तो प्रशासन और प्रबंधन स्वयं कुशल हो जाएगा। प्रोफेसर कुठियाला ने कहा कि हमें कुदरत के अनुसार चलने पर दिक्कत नहीं आएगी। इससे प्रशासन और प्रबंधन कुशल हो जाएगा।
यूजीसी के पूर्व सचिव एवं जीजेयू के पूर्व कुलपति डॉ. आर. के. चौहान ने परस्पर विभागीय कार्यप्रणाली पर अपने विशेष सत्र में कहा कि बेहतर समन्वय से उत्कृष्ट परिणाम सामने आते हैं। कुशलता पूर्वक किया गया कार्य हमेशा अच्छे परिणाम देता है।
डीटीसी गुरुग्राम के प्रिंसिपल अविनाश शर्मा ने कर्मियों के आचरण, व्यवहार और अनुशासनहीनता के संदर्भ में दण्ड संहिता पर प्रकाश डाला।
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कार्यक्रम में दयाल सिंह कॉलेज दिल्ली की प्रिंसिपल डॉ. भावना पाण्डे विशेष तौर पर उपस्थित रहीं। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने विमर्श के बिंदुओं का विशेषण किया। अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने विमर्श पर सारगर्भित चर्चा की।
प्रोफेसर ऋषिपाल ने अतिथियों का आभार ज्ञापित किया।
इस अवसर पर प्रोफेसर एके वातल, प्रोफेसर सुरेश कुमार, प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव, प्रोफेसर जॉय कुरियाकोजे, प्रोफेसर कुलवंत सिंह, प्रोफेसर ऊषा बत्रा, डॉ. सविता शर्मा, डॉ. संजय राठौर, डॉ. समर्थ सिंह, डॉ. रवींद्र सिंह, डॉ. पिंकी शर्मा, डॉ. भावना रूपराई और सहायक उपनिदेशक विनोद भारद्वाज उपस्थित थे।