न चली आंधी, न तेज बरसात, न ही हलकी बूंदाबांदी, न ही टूटा कोई खंबा, न ही बड़े फाल्ट के कारण समूचे क्षेत्र में बिजली सप्लाई ठप हुई तो फिर भी 3सी ब्लॉक के कुछ घरों में 19.5.25 रात 10 बजे से 20.5.25 सुबह 8 बजे (10 घंटे) तक बिजली सप्लाई ठप क्यों रही? गर्मी और उमस भरे मौसम में दिन भर काम करने के बाद रात को आराम की नींद ले कर अगले दिन काम पर जाने की उम्मीदों पर बिजली विभाग कुठाराघात करने में कोई कसर नहीं छोड़ता।
लंबे कट के कारण इन्वर्टर भी जवाब दे जाते हैं। बिजली सप्लाई बाधित होना विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों, अस्वस्थ लोगों और बच्चों के लिए बहुत ही कष्टदायक हो जाता है। बिजली के कारण पानी की मोटर भी नहीं चल पाती परिणामस्वरूप न तो पेयजल सप्लाई का पानी एकत्र कर पाते हैं और न ही ओवरहेड टैंक में पानी भर पाते हैं। यानी मूलभूत आवश्यकताओं, बिजली पानी से भी वंचित रहना पड़ता है, जो कि अमानवीय है तथा प्रशासनिक विफलता, कर्मचारियों, अधिकारियों द्वारा दायित्वों के निर्वहन में गंभीर लापरवाही का उदाहरण है।
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कंपलेंट नंबर पर अनगिनत बार फोन करने पर या तो फोन लगातार व्यस्त मिलता है या कर्मचारी फोन नहीं उठाते या फिर फिर फोन बंद कर देते हैं, यही हाल अधिकारियों के फोन का भी है। इसी अव्यवस्था से राहत के लिए नागरिक कहां जायें, किसको शिकायत करें कुछ भी वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। जब प्राथमिक स्तर पर शिकायत का निवारण न हो पाये तो ऐसी स्थिति में उच्च अधिकारियों तक शिकायत पहुंचाने, शीघ्र निवारण हेतु या वस्तुस्थिति जानने के लिए बिजली विभाग का एक 24*7 यूनीफाइड पोर्टल होना चाहिए। इस पर आई शिकायतों का रिकॉर्ड, निवारणार्थ कार्यवाही और जवाबदेही सुनिश्चित होनी आवश्यक है। जब बिजली का बिल लिया जाता है तो सप्लाई की सुनिश्तिता भी आवश्यक है।
वसु मित्र सत्यार्थी
समाजसेवी
3सी ब्लॉक निवासी