फरीदाबाद : गौवंश हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है : विपुल गोयल

कैबिनेट मंत्री की पहल पर ऊंचा गांव गौशाला से तीन सौ गौवंश का सुरक्षित स्थानांतरण शुरू

फरीदाबाद। हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल की पहल से ऊंचा गांव गौशाला से तीन सौ बेसहारा गौवंश को नूंह के संघेल गौशाला में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया गुरुवार को शुरू हो गई। यह कदम न केवल पशु कल्याण की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि शहर की ट्रैफिक समस्या, दुर्घटनाओं और गंदगी जैसी ज्वलंत समस्याओं से भी लोगों को राहत देगा। गौरतलब है कि फरीदाबाद के ऊंचा गांव स्थित गौशाला में कुल तीन सौ गौवंश की व्यवस्था की क्षमता है। किंतु यहां पांच सौ से अधिक गौवंश रखे जा चुके थे, जिससे न केवल पशुओं की देखभाल में कठिनाई हो रही थी, बल्कि आवश्यक सुविधाओं की भी समस्या उत्पन्न हो गई थी।

इस संकट की ओर ध्यान देते हुए कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने, संघेल गौशाला और प्रशासन के साथ मिलकर इन अतिरिक्त गौवंश को सम्मानजनक और सुरक्षित स्थान देने की व्यवस्था शुरू की है। विपुल गोयल की पहल पर बल्लभगढ़ पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने अधिकारियों की एक विशेष समिति गठित की है जो इस तीन दिवसीय स्थानांतरण अभियान की निगरानी कर रही है। इस अभियान के लिए चार बड़े ट्रकों की व्यवस्था की गई है, जिनमें से प्रत्येक में एक बार में 26 गायों को स्थानांतरित किया जा सकता है। इस प्रकार लगभग तीन दिनों  में तीन सौ गायों को सुरक्षित रूप से नूंह के संघेल गौशाला पहुंचाया जाएगा। विशेष बात यह है कि इस पूरे अभियान के दौरान तीन अनुभवी पशु चिकित्सकों को ट्रकों के साथ भेजा जा रहा है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत इलाज की सुविधा उपलब्ध हो सके। कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि गौवंश हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है।

जब तक ये सडक़ों पर बेसहारा घूमते रहेंगे, न तो हम गौसेवा कर पाएंगे और न ही शहर को सुव्यवस्थित रख पाएंगे। इस स्थानांतरण के जरिए हम दोनों लक्ष्यों को साथ-साथ साधने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह केवल एक शुरुआत है। आने वाले दिनों में अन्य गौशालाओं की भी स्थिति का मूल्यांकन किया जाएगा और जहां-जहां जरूरत होगी, वहीं-वहीं व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।  कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि हमारा लक्ष्य केवल सडक़ों से पशुओं को हटाना नहीं, बल्कि गौसेवा को सुव्यवस्थित करना है। फरीदाबाद जैसे विकसित होते शहर में अगर हम पशु कल्याण को प्राथमिकता देंगे, तभी हम एक समावेशी और संवेदनशील समाज का निर्माण कर सकते हैं।उन्होंने यह भी जानकारी दी कि आने वाले समय में नई गौशालाओं के निर्माण की योजनाएं भी तैयार की जा रही हैं। इससे ना केवल मौजूदा समस्या का समाधान होगा, बल्कि भविष्य में शहर की आबादी के अनुसार योजना बनाना भी संभव होगा।

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