पीडीए मुस्लिम वोट तो चाहता है पर मुस्लिम पार्टियों से दूरी रखता है : डॉ शेख

फरीदाबाद। वंचित समाज इंसाफ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जनाब डॉ शेख वक्फ कानून के खिलाफ पटना के गांधी मैदान मे आयोजित रेली में शामिल होने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं को बताया कि रेली काफी कामयाब रही और सरकार को इस काले कानून की वापिस लेना होगा इस मौके पर डॉ शेख ने कहा कि मुस्लिम समाज को आजादी के बाद से ही समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है उस की मुख्य वजह मुसलमानों ने कभी भी मुस्लिम पार्टी का साथ नहीं दिया पहले कांग्रेस डराती थी कि अगर कांग्रेस को वोट नहीं दिया तो बी जे पी आ जाएगी और मुसलमान उसी डर में कांग्रेस को वोट देता रहा कांग्रेस पार्टी ने कभी भी मुसलमानों को आर्थिक शैक्षणिक ओर राजनीतिक हक कभी नहीं दिया अगर कांग्रेस ने मुसलमानों का भला किया।होता तो आज मुस्लिम समाज को पंचर छाप नहीं कहा जाता जिन समाजों का कांग्रेस ने भला किया उन को सरकारी नौकरियों में भर दिया ओर जिन समाजों को आरक्षण का तोहफ़ा दिया वो समाज कांग्रेस को छोड़ कर अपनी अपनी पार्टियां बना कर कांग्रेस का साथ छोड़ चुके है

डॉ शेख ने कहा कि आज द्व खुल कर कहना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी की नजर आज भी मुस्लिम वोट पर टिकी हुई है कांग्रेस पार्टी ओर उन के सहयोगी पार्टी या यह कहिए पूरा पी डी ए चाहता है कि मुस्लिम वोट हमे मिले पर पी डी ए यह नहीं चाहता कि कोई भी मुस्लिम पार्टी को पी डी ए में शामिल किया जाय देश में कुछ गिनी चुनी मुस्लिम पार्टियां हैं जिन में मुख्य तौर पर एम आई एम उवैसी की पार्टी वंचित समाज इंसाफ। पार्टी पीस पार्टी उलमा।कॉन्सिल एक दो पार्टी ओर है इन पार्टियों को भी पी डी ए में शामिल कर लिया जय तौ कांग्रेस का कुछ हो सकता है पहले कांग्रेस बी जे पी के नाम से डराती थी अब बी जे पी खुद मुसलमानों को डरा रही है देश में हिंदू मुस्लिम कर के बी जे पी पार्टी सत्ता पर काबिज हो चुकी है

श्री शेख ने कहा कि कोई भी पार्टी खुल कर मुसलमानों के साथ नहीं आना चाहती यूपी में मुसलमान सब से ज्यादा वोट समाजवादी पार्टी को देता है लेकिन में बताना चाहता हूं कि एक घटना हुई है इटावा में कथा वाचकों के साथ हम इस की निंदा करते हैं लेकिन कथा वाचक यादव थे इस लिए अखिलेश यादव खुल कर सडक़ पर आ गए और उन कथा वाचकों को सम्मानित भी किया गया है लेकिन इस तरह अखिलेश यादव कभी भी मुस्लिम समाज के साथ नहीं आए जब की मुसलमानों पर।सब से ज्यादा अत्याचार हुए हैं मॉब लॉचिंग हो घरों को तोडऩा हो बहुत सारे मुद्दे हैं

जिन पर अखिलेश यादव कभी मुस्लिमों के साथ खुल कर साथ देते हुए नहीं दिखे न ही वो उन की पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान के साथ नजर आए अब वो दिन दूर नहीं अगर अखिलेश यादव खुल कर मुसलमानों के साथ नहीं आए तो मुस्लिम समाज अपनी पार्टियां को वोट दे।कर  बनने वाली सरकार में शामिल होंगे नहीं तौ विपक्ष में बैठने के लिए तैयार रहेंगे आज देश के छोटे छोटे समाज।अपनी पार्टियां को वोट दे कर।सरकारों में शामिल हों रहे है ओर उन के नेता अपने अपने समाज का भला कर रहे है।

You might also like