फरीदाबाद। हरियाणा विधान सभा की शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की विषय समिति ने आज जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद का दौरा किया। समिति ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों के साथ एक सार्थक बैठक आयोजित की, जिसमें विश्वविद्यालय की प्रगति और पहलों की समीक्षा की गई। बैठक की अध्यक्षता विधायक राम कुमार कश्यप ने की, जो फरीदाबाद के मिनी सचिवालय में आयोजित हुई। बैठक में प्रो. सुशील कुमार तोमर, कुलपति, जे.सी. बोस विश्वविद्यालय; प्रभजोत सिंह, महानिदेशक, हरियाणा तकनीकी शिक्षा; विक्रम सिंह, उपायुक्त, फरीदाबाद; डॉ. अजय रंगा, रजिस्ट्रार, विश्वविद्यालय; कंवर सिंह, अवर सचिव, हरियाणा विधान सभा; और विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारी उपस्थित थे। 11 सदस्यीय समिति के आठ सदस्य, जिनमें विधायक रणधीर पनिहार, डॉ. कृष्ण कुमार, हरिंदर सिंह, बलराम दांगी, देवेंद्र हंस, शीशपाल सिंह और कुलदीप वत्स शामिल थे, बैठक में मौजूद थे। इसके अलावा, पूर्व मंत्री श्रीमती सीमा त्रिखा भी उपस्थित थीं।
समिति ने विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट 2023-24 की समीक्षा की, जिसमें छात्रों की प्लेसमेंट, कर्मचारी भर्ती, रोस्टर प्रणाली, आरक्षण नीति का कार्यान्वयन, छात्रों और कर्मचारियों के लिए सुविधाएं, और शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा उठाए गए कदमों पर चर्चा हुई। समिति ने फरीदाबाद-गुरुग्राम रोड पर विश्वविद्यालय के दूसरे परिसर परियोजना की प्रगति पर चिंता व्यक्त की। विश्वविद्यालय ने सूचित किया कि राज्य सरकार ने भकरी गांव में 18 एकड़ जमीन आवंटित की है, लेकिन अरावली पहाडिय़ों से सटे होने के कारण पर्यावरणीय मंजूरी की आवश्यकता है।
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विश्वविद्यालय मंजूरी के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी करने में जुटा है। समिति ने माना कि जे.सी. बोस विश्वविद्यालय हरियाणा के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक है, और दूसरा परिसर इसकी प्रगति के लिए अत्यंत आवश्यक है। समिति ने जिला प्रशासन से इस परियोजना में सहयोग करने का आग्रह किया। समिति ने शिक्षण पदों की रिक्तियों और कुछ पाठ्यक्रमों में कम परिणामों पर भी चिंता जताई। विश्वविद्यालय ने बताया कि शिक्षण पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं, और शिक्षण कार्य में व्यवधान न हो, इसके लिए अनुबंधित और अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था की गई है।
भर्ती प्रक्रिया में देरी पिछले वर्ष के चुनाव आचार संहिता और राज्य सरकार के निर्देशों के कारण हुई। कुलपति ने आश्वासन दिया कि भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। कम परिणामों के मुद्दे पर, विश्वविद्यालय ने स्वीकार किया कि विश्वविद्यालय और इसके संबद्ध कॉलेजों की शिक्षा की गुणवत्ता में अंतर है, और इस संबंध में उचित कदम उठाए जा रहे हैं। समिति ने विश्वविद्यालय के अत्याधुनिक स्टूडियो और सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन लैबोरेटरी में शोधकर्ताओं के लिए उपलब्ध आधुनिक सुविधाओं का निरीक्षण किया और इसकी सराहना की।