फरीदाबाद। औद्योगिक नगरी में वर्षा के बाद जलभराव और फिर जाम लगने की समस्या का समाधान नहीं निकल पा रहा है। अब तो यह तय हो गया है कि यदि वर्षा हुई तो हाईवे व इससे लगते हुए रेलवे पुलों पर जाम जरूर लगेगा। अभी तक ऐसा ही होता आ रहा है। बुधवार दोपहर को हुई वर्षा से भी हाईवे के कई चारौहों पर लंबा जाम लग गया। इस बीच दो से तीन किलोमीटर दूर तक वाहनों की लंबी लाइन लगी थी। यही कारण है कि वर्षा के बाद हाईवे के आसपास का हिस्सा बुरी तरह से जाम हो जाता है। पांच मिनट के सफर के लिए आधा घंटा लगता है।
बदरपुर बार्डर से लेकर सीकरी तक हाईवे के आधा दर्जन से अधिक ऐसी जगह हैं जहां वर्षा होने बाद हर बार जलभराव होता है। इनमें सीकरी, कैली, झाड़सेंतली, बल्लभगढ़ सोहना मोड़, मुजेसर मोड़, बाटा, अजरौंदा चौराहा प्रमुख रूप से शामिल है। इन जगहों पर समाधान की दिशा में कदम नहीं बढ़ाया जा रहा है। हाईवे के चौराहों पर पानी भरने के साथ वाहनों की गति थम जाती है। लंबी लाइनें लगना शुरू हो जाती हैं। फिर जाम लग जाता है। बुधवार को भी इन जगह पर पानी भर गया। सबसे अधिक बुरा हाल अजरौंदा चौराहे का रहा।
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इस चौराहे पर जाम लगने का असर एनआइटी के नीलम चौक तक दिखाई देता है। इस चौक से जुड़ी लिंक सडक़ों पर भी वाहनों की लंबी लाइनें लग जाती हैं। हालांकि जाम से आमजन परेशान रहे लेकिन वर्षा होने के बाद उमसभरी गर्मी से राहत मिल गई। तापमान में गिरावट आने से लोगों को दिन में एसी बंद करने पड़ गए। पंखे की हवा भी ठंडी लग रही थी।
सडक़ों पर भी लोग वर्षा में इधर-उधर रुकने की बजाए आवाजाही करते हुए नजर आए। दोपहिया वाहन चालक वर्षा का आनंद ले रहे थे। फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण के मुख्य अभियंता विशाल बंसल का कहना है कि वर्षा के तुरंत बाद पानी नहीं निकलता। इसे निकलने में थोड़ा वक्त लगता है। कई जगह मैनहोल में कचरा जमा होने से भी दिक्कत होती है लेकिन पिछले साल के मुकाबले काफी असर दिखाई दिया है। पानी एक से दो घंटे में बाहर निकल रहा है लेकिन जो भी कमियां दिखाई दे रही हैं, उन्हें दूर किया जा रहा है।