पाकिस्तानी महिला ने फरीदाबाद में दिया जुड़वां बच्चों को जन्म, नागरिकता और सुरक्षा पर खड़े हुए सवाल

फरीदाबाद। जिले के बादशाह खान सिविल अस्पताल में एक पाकिस्तानी महिला दुर्गा ने जुड़वां बच्चों ( एक बेटा, एक बेटी) को जन्म दिया है। दुर्गा अपने पति पुरुषोत्तम और अन्य बच्चों के साथ टूरिस्ट वीजा पर भारत आई थी। फिलहाल महिला और दोनों नवजात बच्चे स्वस्थ हैं और डॉक्टरों की निगरानी में हैं। लेकिन यह मामला सिर्फ अस्पताल तक सीमित नहीं रहा। अब यह नागरिकता, अवैध प्रवास और सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण सवालों की ओर इशारा कर रहा है।
दुर्गा ने बताया कि वह पाकिस्तान में हिंदू समुदाय पर हो रहे उत्पीड़न से परेशान होकर भारत आई है और अब यहीं अपने बच्चों के साथ बसना चाहती है। उसका कहना है कि भारत में उसे सुरक्षा, सम्मान और न्याय मिला है, जबकि पाकिस्तान में वह लगातार भेदभाव और असुरक्षा का सामना करती रही। दुर्गा का दावा है कि उसके जुड़वां बच्चे भारत में पैदा हुए हैं, इसलिए उन्हें भारतीय नागरिकता मिलनी चाहिए। हालांकि, दुर्गा और उसके पति पुरुषोत्तम के बयानों में महत्वपूर्ण विरोधाभास पाया गया है। दुर्गा का कहना है कि वह दो बेटियों और पति के साथ भारत आई थी और अब दो बच्चों को जन्म दिया है। जबकि पुरुषोत्तम ने बताया कि पहले से उसकी पाँच बेटियाँ थीं और अब जुड़वां बच्चों के साथ कुल सात बच्चे हो गए हैं। इन बयानों के विरोधाभास को देखते हुए मामला जांच का विषय बन गया है।
पुरुषोत्तम ने यह भी दावा किया कि वे दिल्ली से सटे भाटी माइंस क्षेत्र में रहते हैं, जहां 10 हजार से अधिक पाकिस्तानी मूल के नागरिक बस चुके हैं। इनमें से कई को भारत सरकार द्वारा पेंशन और अन्य सुविधाएं भी दी जा रही हैं। दुर्गा की बुआ सास वजीरा ने भी यह स्वीकार किया कि वह करीब 50 साल पहले पाकिस्तान से भारत आई थीं और अब भारतीय नागरिक हैं। दुर्गा का टूरिस्ट वीजा 23 दिसंबर 2024 से 20 जून 2025 तक वैध था, जो अब समाप्त हो चुका है।
इसके बावजूद दुर्गा भारत में रह रही है, जिससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या वीजा खत्म होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई? क्या सुरक्षा एजेंसियों को इसकी जानकारी है? दुर्गा जैसे मामलों में नागरिकता अधिनियम के तहत निर्णय लेना जटिल होता है। भारत में जन्म लेने मात्र से अब स्वत: नागरिकता नहीं मिलती, जब तक कि माता-पिता में से एक भारतीय नागरिक न हो। दुर्गा के मामले में अब गृह मंत्रालय और सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका अहम होगी।
You might also like