शिवरात्रि पर गूंजा कलपुर्जों की नगरी का हर कोना, गंगाजल से अभिषेक कर बोले भक्त – हर हर महादेव!

फरीदाबाद। सावन के पवित्र महीने की शिवरात्रि पर औद्योगिक नगरी में पूरी तरह शिवमय नजर आया। शहर के शिवालयों में श्रद्धालुओं और कांवड़ियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें मंदिरों के बाहर लगी रहीं और ‘बम-बम भोले’ के जयकारों से पूरा शहर गुंजायमान हो उठा। शहर प्रशासन और पुलिस प्रशासन द्वारा भी इस दौरान सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर विशेष इंतजाम किए गए थे, ताकि भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। कुल मिलाकर, शिवरात्रि के इस पर्व ने फरीदाबाद को भक्ति और श्रद्धा के रंग में रंग दिया।

सैकड़ों कांवड़िए हरिद्वार और गोमुख से गंगाजल लेकर फरीदाबाद लौटे और बुधवार सुबह शिवालयों में जलाभिषेक कर अपने पुण्य यात्रा का समापन किया। इस दौरान कांवड़ियों और श्रद्धालुओं ने शिवलिंग पर जल के साथ-साथ दूध, दही, भांग और धतूरा भी अर्पित किया। घंटों तक चले अभिषेक और पूजन कार्यक्रम के दौरान मंदिरों में शिव चालीसा, पंचाक्षरी मंत्रों और घंटे-घड़ियालों की गूंज सुनाई देती रही। मंगलवार रात से ही शिवालयों के बाहर भक्तों का जमावड़ा शुरू हो गया था। खासकर युवाओं, महिलाओं और बच्चों में शिव भक्ति को लेकर विशेष उत्साह देखने को मिला। सभी ने अपने-अपने अंदाज़ में भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए रुद्राभिषेक किया और परिवार में सुख, शांति और समृद्धि की कामना की।

ये प्रमुख शिवालय रहे श्रद्धा के केंद्र
फरीदाबाद के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित प्रमुख शिवालयों में विशेष भीड़ देखी गई। एनएच-2 स्थित शिवालय, एनआईटी तिकोना पार्क स्थित वैष्णो देवी मंदिर, सेक्टर-8 का नीलकंठ महादेव मंदिर, गीता आश्रम (एनआईटी-5), श्री बांके बिहारी मंदिर, एयरफोर्स रोड का श्रीराम मंदिर, हनुमान मंदिर, तत्कालेश्वर शिव मंदिर (एनआईटी-5), सिद्धपीठ महाकाली मंदिर, सूरजकुंड रोड शिव मंदिर समेत शहर के सभी छोटे-बड़े मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। हर जगह जलाभिषेक के विशेष प्रबंध किए गए थे और मंदिर समितियों द्वारा विशेष सजावट और साफ-सफाई का भी ध्यान रखा गया।

कांवड़ यात्रा का भावनात्मक समापन
कांवड़ लेकर लौटे कई श्रद्धालुओं ने बताया कि वे हर साल हरिद्वार से गंगाजल लाकर शिवरात्रि के दिन भगवान शिव पर चढ़ाते हैं। एक श्रद्धालु बताया कि भोले बाबा को जल चढ़ाने से आत्मिक शांति मिलती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है। कुछ लोगों ने यह भी बताया कि यात्रा के दौरान भक्ति और भाईचारे का जो माहौल बनता है, वो पूरे जीवन की सबसे अनमोल अनुभूति होती है।

सावन और शिवरात्रि का आध्यात्मिक महत्व
सावन का महीना संपूर्ण रूप से भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन की शिवरात्रि पर रुद्राभिषेक और जल अर्पण करने से भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। इसी आस्था और विश्वास के साथ फरीदाबाद के हजारों भक्तों ने पूरे श्रद्धा भाव से इस दिन को मनाया।

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