चार किलोमीटर दूर थी मंज़िल… शिवभक्तों की यात्रा अधूरी रह गई”
शिवरात्रि पर जलाभिषेक करने जा रहे बिजली करंट लगने से एक की मौत, साथी झुलसा - कांवड़ यात्रा में दर्दनाक हादसा, एक की मौत
फरीदाबाद। हरिद्वार से कांवड़ लेकर निकले थे… शिव भक्ति की उमंग, आस्था की अग्नि और कदमों में उत्साह लिए हुए। 220 किलोमीटर से ज़्यादा लंबी और कठिन डाक कांवड़ यात्रा की मंज़िल अब बस चार किलोमीटर दूर रह गई थी… मगर नियति ने बीच रास्ते में ही सब कुछ छीन लिया। गांव लहडौला निवासी 24 वर्षीय रवि अधाना, जो भगवान शिव के अभिषेक के लिए हरिद्वार से पवित्र जल लेने गया था, अब कभी अपने गांव लौटकर नहीं आएगा। उसकी असमय मौत ने न सिर्फ एक घर से उसका बेटा छीना, बल्कि एक डाक कांवड़ को भी अधूरा छोड़ खंडित कर दिया। उसके साथ दूसरे साथी को भी करंट लगा है और वह बुरी तरह से झुलस गया। जिसे इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दूसरे साथी की हालात अभी गंभीर बनी हुई है।
कैसे हुआ हादसा?
गांव लहडोला निवासी संदीप ने बताया कि उनका भतीजा रवि 19 जुलाई को अपने साथियों के साथ मिलकर हरिद्वार डाक कावड़ लेने गया। 23 जुलाई की सुबह का वक्त था, बारिश हल्की-हल्की हो रही थी। उनकी डाक कावड़ यात्रा गांव फरीदपुर के पास से गुजर रही थी। तो रोड़ के ऊपर 11 हजार वोल्टेज की लाइन के तार गुजर रहे थे। इसी दौरान लाइन के नीचा होने के कारण बिजली की तार से दीपक का हाथ टच हो गया और उसको करंट लग गया। जिसके बाद उसको एक निजी अस्पताल में लेकर जाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने उसको मृत घोषित कर दिया। वही उसके साथ डीजे के ऊपर बैठे अनिल को करंट ने अपनी चपेट में ले लिया। करंट लगने से अनिल गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसको इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां पर उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
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बिजली की लाइन इतनी नीचे न होती, तो मेरा भतीजा आज जिंदा होता
दीपक के चाचा संदीप ने बताया कि वह एक निजी कंपनी मे काम करता था। दीपक के पिता सतपाल खेतीबाड़ी का काम करते है। दीपक का एक दूसरा भाई भी है और दीपक की शादी नहीं हुई थी। रवि ने कांवड़ यात्रा के लिए उसने छुट्टी ली थी। संदीप ने कहा कि अगर बिजली की लाइन नीचे नही होती तो ये हादसा नहीं होता और आज मेरा भतीजा जिंदा होता। जिस समय ये हादसा हुआ उस समय गांव से वह 4 किलोमीटर दूरी पर थे।
हादसे में जो भी जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ होगी कार्रवाही
बीपीटीपी पुलिस ने युवक के शव को पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। इस हादसे के लिए जो भी जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
गांव में मातम, आंखों में आँसू
रवि की मौत की खबर जैसे ही गांव लहडौला पहुंची, पूरा माहौल शोक में डूब गया। घर में जहां स्वागत की तैयारी होनी थी, वहां अब रोते-बिलखते परिजन हैं। मां की आंखें अपने बेटे की एक झलक के लिए तरस रही हैं, और पिता के चेहरे पर गहरा दर्द है। उस बेटे के लिए, जो शिव भक्ति के लिए निकला था और अब कभी नहीं लौटेगा।