फरीदाबाद। ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन के प्रदेशव्यापी आंदोलन के तहत मंगलवार को बिजली कर्मचारियों ने ऑनलाइन ट्रांसफर पालिसी के खिलाफ डिवीजन स्तर पर विरोध प्रदर्शन किए। प्रदर्शनों में सर्व सम्मति से तबादला नीति और एसई आपरेशन की तानाशाही तथा लंबित मांगों का समाधान न करने के खिलाफ 12 अगस्त को सेक्टर 23 सर्कल कार्यलय पर प्रदर्शन किया जायेगा। जिसमें सर्कल की सभी सब यूनिटों से हजारों की संख्या में कर्मचारी शामिल होंगे। प्रदर्शनों के बाद बिजली मंत्री और अतिरिक्त मुख्य सचिव, हरियाणा सरकार, विधुत विभाग को संबोधित ज्ञापन कार्यकारी अभियंताओं को सौंपा गया।
बल्लभगढ़ में प्रदर्शन का नेतृत्व यूनियन के प्रधान रामकेश साहरण व वेद प्रकाश कर्दम, ग्रेटर फरीदाबाद में मनोज जाखड़, दिनेश शर्मा, असरफ खान, मनवर, एनआईटी में भूप सिंह कौशिक, दिगंबर सिंह, सुरेन्द्र शर्मा, सुबोध कुमार, ओल्ड फरीदाबाद डिजाइन में करतार सिंह व प्रवेश बैंसला आदि नेताओं ने किया। प्रदर्शनों को एएचपीसी वर्कर यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद गनी, ईईएफआई के उपाध्यक्ष सुभाष लांबा, सर्कल सचिव कृष्ण कुमार व रामचरण आदि नेताओं ने संबोधित किया।
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प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए यूनियन के राज्य वरिष्ठ उपप्रधान शब्बीर अहमद गनी ने कहा कि बिजली निगमों में किया जाने वाला कार्य अत्यंत जोखिमपूर्ण है। ऐसे में बिना ज़मीनी हकीकत को समझे लागू की गई ऑनलाइन तबादला नीति से दुर्घटनाओं में भारी बढ़ोतरी हो सकती है। उन्होंने याद दिलाया कि पूर्व में बिजली बोर्ड के समय लागू की गई ऐसी ही तबादला नीति को दुर्घटनाओं के बढऩे के कारण वापस लेना पड़ा था। उन्होंने कहा कि तकनीकी कर्मचारियों के साथ-साथ दफ्तरों में कार्यरत कर्मचारियों को उपभोक्ताओं और क्षेत्र की लाईनों की संपूर्ण जानकारी होती है। ऐसे कर्मचारियों का जबरन स्थानांतरण न केवल कार्य की गुणवत्ता पर असर डालेगा, बल्कि सुरक्षा जोखिम भी बढ़ाएगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकारें जनविरोधी और कर्मचारी विरोधी नीतियों के जरिए सरकारी संस्थानों को निजी हाथों में सौंपने का प्रयास कर रही हैं। ईईएफआई के उपाध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि केंद्र सरकार के निर्देश पर चंडीगढ़ पावर डिपार्टमेंट को कौडिय़ों के भाव में निजी हाथों में सौंप दिया है और अब उप्र सरकार ने पूर्वांचल व दक्षिणांचल डिस्कॉम को निजी हाथों में सौंपने का फैसला किया है। जिसके खिलाफ तीखा आंदोलन जारी है। उन्होंने कहा कि ठीक चल रहे मीटर को बदलकर प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं।
ताकि निजी कंपनियों को बिल वसूली में दिक्कत न आए। नेताओं ने अपने संबोधन में आरोप लगाया कि जोखिमपूर्ण कार्यों के बावजूद कर्मचारियों को न तो पर्याप्त ञ्ज&क्क (टूल्स एंड प्लांट्स) मुहैया कराए जा रहे हैं और न ही लाइनों पर काम करने के लिए वाहन तक उपलब्ध हैं। बड़ी हाई-टेंशन लाइनों की क्रॉसिंग से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं, जिन्हें हटाने की मांग यूनियन कई बार कर चुकी है, लेकिन निगम प्रबंधन की ओर से कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई। जेई व एएफएम पर ट्रांसफर डेमेज दिखाने की बजाय रिपेयर करने का दबाव बनाया जा रहा है।