बाढ़ प्रभावित राज्यों में राहत एवं बचाव कार्यों में युद्धस्तर पर जुटे कर्मचारी : सुभाष लांबा
अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ ने पत्र लिखकर राज्यों के संगठनों को दिए निर्देश
फरीदाबाद। राज्य कर्मचारियों के प्रमुख संगठन अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ (्रढ्ढस्त्रश्वस्न) ने देश के विभिन्न राज्यों में भारी बारिश, बाढ़ और तबाही से उत्पन्न गंभीर हालात पर गहरी चिंता व्यक्त की है और अपने सभी सहयोगी संगठनों एवं राज्य इकाइयों से राहत व बचाव कार्यों में तुरंत सक्रिय भूमिका निभाते हुए जी जान से जुट जाने की अपील की है। महासंघ की ओर से जरनल सेकेट्री ए.श्री कुमार ने सभी राज्यों के सहयोगी संगठनों के प्रेसिडेंट व जरनल सेकेट्री को पत्र भेजकर उक्त अपील की है। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि राज्य कर्मचारी केवल अपनी मांगों और सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष तक ही सीमित नहीं रहते, बल्कि हर संकट की घड़ी में सामाजिक जिम्मेदारी निभाने में भी सबसे आगे खड़े होते हैं।
प्राकृतिक आपदाओं के समय कर्मचारियों ने हमेशा राहत और बचाव के मोर्चे पर अपनी अहम भूमिका निभाई है और आज भी वही परंपरा जारी है। उन्होंने बताया कि पंजाब की स्थिति अत्यंत गंभीर है, जहां बड़े पैमाने पर लोग अपने घरों, फसलों और जीवनभर की कमाई से वंचित हो गए हैं। इसके अतिरिक्त जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, मिजोरम और महाराष्ट्र के पश्चिमी भागों में भी आमजन को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में भी बारिश ने बड़े पैमाने पर नुकसान पहुँचाया है। इस विकट परिस्थिति में सरकार द्वारा चलाए जा रहे राहत कार्यों की रीढ़ राज्य कर्मचारी ही हैं, जिनकी सक्रिय भागीदारी के बिना कोई भी प्रयास सफल नहीं हो सकता।
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उन्होंने सभी राज्य संगठनों और नेताओं से अपील की है कि वे प्रभावित लोगों की मदद के लिए यथासंभव धनराशि एकत्रित करें और इसे सरकारी तंत्र अथवा किसी भरोसेमंद एजेंसी के माध्यम से राहत कार्यों में लगाएँ। साथ ही जरूरतमंदों को भोजन सामग्री, दवाइयाँ और घरेलू सामान उपलब्ध कराने का भी आग्रह किया गया है। लांबा ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बहुत बड़े पैमाने पर बिजली गुल है, जिसे दुरुस्त करना, स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था करना और पानी उतरने के बाद संभावित बीमारियों के प्रसार को रोकना कर्मचारियों के लिए कठिन और चुनौतीपूर्ण कार्य होगा। इसके बावजूद राज्य कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए, अपनी जान की परवाह किए बिना राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। महासंघ ने साफ किया कि राज्य कर्मचारी हमेशा से संघर्ष के साथ-साथ सेवा की मिसाल पेश करते आए हैं और आज भी देश के नागरिक यह भरोसा रख सकते हैं कि कर्मचारी समाज और मानवता के हित में अपना पूरा योगदान देंगे।