फूड पाइप के कैंसर की रोकथाम के लिए हाईब्रिड ‘एपीसी’ प्रक्रिया कारगर : डा. बालकिशन गुप्ता

यथार्थ हॉस्पिटल ने की जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रक्रिया की सांझा

फरीदाबाद। जीआई (गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल) रोगों से जुड़ी आधुनिक तकनीकों और समय पर इलाज की आवश्यकता के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से, यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, फरीदाबाद के डॉक्टरों ने एक जन-जागरूकता सत्र का आयोजन किया। इस अवसर पर यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, फरीदाबाद के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एवं हेपेटोलॉजी विभाग के कंसल्टेंट डॉ. ध्रुव कांत मिश्रा और सर्जिकल डिसिप्लिन्स विभाग के ग्रुप डायरेक्टर डॉ. बालकिशन गुप्ता उपस्थित रहे। कार्यक्रम में उन दो मरीजों को भी शामिल किया गया जिन्हें हाल ही में जटिल प्रक्रियाओं द्वारा सफलतापूर्वक उपचार दिया गया था। फरीदाबाद में पहली बार सफलतापूर्वक की गई हाइब्रिड ‘एसीपी’ प्रक्रिया के बारे में जानकारी साझा करते हुए, यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, फरीदाबाद के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एवं हेपेटोलॉजी विभाग के कंसल्टेंट डॉ. ध्रुव कांत मिश्रा ने बताया, 70 वर्षीय पुरुष मरीज लंबे समय से एसिड रिफ्लक्स की समस्या से पीडि़त थे। जांच में उन्हें बैरेट्स इसोफेगस विद लो-ग्रेड डिसप्लेसिया पाया गया, जो फूड पाइप का एक प्री-कैंसरस स्टेज होता है और यदि समय पर इलाज न मिले तो यह कैंसर में बदल सकता है।

अब तक ऐसे मामलों का उपचार पारंपरिक रूप से लम्बी और दर्दनाक प्रक्रिया के ज़रिए किया जाता था, जिनकी सफलता दर सीमित थी।  सावधानीपूर्वक मूल्यांकन और मल्टीडिसिप्लिनरी चर्चा के बाद, हमने हाइब्रिड एपीसी विद एसेटिक एसिड क्रोमोएंडोस्कोपी नामक एक अत्याधुनिक मिनिमली इनवेसिव एंडोस्कोपिक प्रक्रिया का चयन किया — जो इस क्षेत्र में पहली बार की गई। प्रक्रिया के दौरान फूड पाइप के अंदर विशेष डाई का उपयोग किया गया जिससे प्री-कैंसरस सेल्स दिखाई देने लगीं, जिन्हें बाद में आर्गन गैस से एब्लेट किया गया। मरीज ने प्रक्रिया को बहुत अच्छी तरह सहन किया और मात्र चार घंटे में बिना किसी दर्द के डिस्चार्ज कर दिया गया। यह उपचार कैंसर की रोकथाम के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है — जो बिना दर्द, बिना निशान और अत्यंत सटीक तरीके से किया गया।  दूसरा केस 33 वर्षीय महिला मरीज का था, जिन्हें दाएं ऊपरी पेट में तेज दर्द, मतली और उल्टी की शिकायत थी।

जांच में पाया गया कि उन्हें क्रॉनिक कैलकुलस कोलेसिस्टाइटिस विद कॉन्ट्रैक्टेड गॉलब्लैडर, एक्स्ट्राहेपेटिक पोर्टल वेन ऑक्लूजऩ और मल्टीपल कोलेटरल वेसल्स जैसी जटिल स्थिति थी — जो दुर्लभ और हाई-रिस्क केस था, जिसके लिए अत्यंत अनुभवी सर्जिकल टीम की आवश्यकता थी। यह सर्जरी लैप्रोस्कोपिक तकनीक से बिना किसी जटिलता के सफलतापूर्वक की गई। यथार्थ अस्पताल, सेक्टर-88, फरीदाबाद के चीफ़ ऑपरेटिंग ऑफि़सर, डॉ. अनुराग शर्मा ने कहा कि ये प्रेरणादायक उपलब्धियाँ यथार्थ हॉस्पिटल की इस प्रतिबद्धता को उजागर करती हैं कि हम समुदाय को अत्याधुनिक और रोगी-केंद्रित स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए समर्पित हैं।

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