दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे फरीदाबाद लिंक पर न सिग्नल, न कैमरे, बढ़ रहा हादसों का खतरा

फरीदाबाद। जिले में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर आवागमन शुरू हुए सालभर से अधिक हो गया है लेकिन इसकी लिंक सडक़ व अंडरपास के चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल व सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए हैं। इस वजह से न केवल सुचारू रूप से यातायात बाधा आती है बल्कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई भी नहीं हो पा रही है। कैमरों के अभाव में सडक़ दुर्घटना के बाद भागने वाले वाहन चालक की पहचान मुश्किल हो रही है। विभागीय तालमेल न होने की वजह से अभी यह भी तय नहीं किया गया है कि यह काम कौन करेगा। अब यहां यह भी बता दें कि ट्रैफिक सिग्नल व सीसीटीवी कैमरे लगाने का जिम्मा स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत किया जाना था, परियोजना से जुड़ी कंपनी का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। इसलिए अब इस काम को कोई भी विभाग लेने में रुचि नहीं दिखा रहा है।

और सब कुछ अंधेरे में है। एक्सप्रेसवे पर आठ प्रवेश व निकास प्वाइंट सेक्टर-30 ऐतमादपुर, सेक्टर-28, बसेलवा कालोनी, खेड़ीपुल, बीपीटीपी पुल के पास, सेक्टर-दो, सेक्टर-दो आइएमटी हैं। यानी सेक्टर 37 से सेक्टर-59 तक 26 किलोमीटर बाईपास पर आठ जगह ऐसी हैं, जहां से वाहन चालक एक्सप्रेस-वे पर चढ़ते और उतरते हैं। इससे शहरवासियों को इस एक्सप्रेसवे का सीधा लाभ तो मिल रहा है, पर प्रवेश व निकासी प्वाइंटों के पास ट्रैफिक सिग्नल व सीसीटीवी कैमरे लगाने की जरूरत है, ताकि प्रत्येक वाहन चालक पर निगाह रखी जा सके। जो यह काम नहीं किया गया।

ट्रैफिक सिग्नल लगने के बाद वाहन चालक अपनी बारी आने के बाद ही चौराहा पार करते, पर फिलहाल वाहन चालक बेतरतीब तरीके से आ-जा रहे हैं। इससे कई बार चौराहे व लिंक सडक़ पर जाम जैसी स्थिति बन जाती है। एक्सप्रेस-वे कुल 12 लेन का बनाया गया है। मैन कैरिज-वे छह लेन का है जबकि दाएं-बाएं सर्विस रोड भी तीन-तीन लेन की बनाई है। इसी सर्विस लेन के माध्यम से वाहन चालक मैन कैरिज वे का प्रयोग कर रहे हैं। एक्सप्रेसवे दिल्ली के डीएनडी फ्लाईओवर से शुरू हुआ है। आगरा नहर के साथ-साथ सेक्टर-37 शवदाह गृह के पास आकर फरीदाबाद के बाईपास से जुड़ रहा है। एक्सप्रेसवे व इसकी लिंक सडक़ पर प्रतिदिन हजारों वाहन गलत दिशा में चलते हैं। इससे हादसे बढ़ रहे हैं। कई बार ऐसे वाहनों की वजह से हादसे हो चुके हैं। लोगों की जान जा चुकी है।

यदि यहां कैमरे लग जाएंगे तो ऐसे वाहन चालकों के चालान किए जा सकेंगे। उधर कई ऐसे हादसे हुए हैं जिनमें पता नहीं चला कि वाहन चालक कौन था। यदि कैमरे होते तो पकड़ संभव हो सकती थी। यातायात थाना प्रभारी अनोज कुमार का कहना है कि एक्सप्रेसवे की लिंक सडक़ व अंडरपास के चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल व सीसीटीवी कैमरे लगना बेहद जरूरी हैं। सडक़ सुरक्षा समिति की बैठक में हर बार यह मुद्दा उठता है। फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण को यह काम करना है। कैमरे लगने के बाद यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के चालान हो सकेंगे। इससे हादसों में भी कमी आएगी। एनएचएआई परियोजना निदेशक धीरज सिंह का कहना है कि एक्सप्रेसवे के मैन कैरिज वे पर हर दो किलोमीटर में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं। लिंक सडक़ व अंडरपास के नीचे चौराहों पर स्थानीय प्रशासन कैमरे व ट्रैफिक सिग्नल लगाएगा।

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