गौ पूजन एक दिन नहीं, 365 दिन हो गौ का सम्मान : आलोक कुमार
गौ के पूजन में 33 कोटि देवताओं का पूजन निहित : स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य
फरीदाबाद। विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा है कि गाय का पूजन एक दिन की बात नहीं होनी चाहिए बल्कि गाय का पूजन 365 दिन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि गौ हमारी सृष्टि का आधार है। इसलिए गौ का पूजन, सम्मान एवं पालन अवश्य करें। वह यहां सूरजकुंड रोड स्थित श्री नारायण गौशाला में आयोजित गोपाष्टमी महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। इस गौशाला का संचालन श्री सिद्धदाता आश्रम एवं जनहित सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। इस अवसर पर आलोक कुमार ने कहा कि बेसहारा गाय की अधिकांश मौत प्लास्टिक खाने से हो रही है। मेरी आप लोगों से अपील है कि आप प्लास्टिक का प्रयोग न करने का संकल्प लें। कम से कम प्लास्टिक को कूड़े में फेंकने का काम तो बंद कर ही दें।
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उन्होंने कहा कि जब गाय मर जाती है तो उसके पेट से कई कई किलो प्लास्टिक निकलता है। मानव उसकी मौत का जिम्मेदार होता है क्योंकि प्लास्टिक गाय नहीं बनाती है। उन्होंने गौपालकों द्वारा गायों का दूध निकाल कर उन्हें खुले में छोड़ देने की प्रवृत्ति को बहुत बुरा बताया। उन्होंने कहा कि जब आप गाय का दूध निकाल रहे हैं तो उसको स्वयं क्यों बेसहारा छोड़ रहे हैं। इस अवसर पर श्री सिद्धदाता आश्रम के अधिष्ठाता जगद्गुरु स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज ने कहा कि गौ के पूजन में 33 कोटि देवताओं का पूजन निहित है। जब हम गौ का पूजन करते हैं तो सभी देवताओं का पूजन हो जाता है। भगवान कृष्ण जब गोपालन करते थे तो गौ के खुर से उठने वाली धूल उनके शरीर पर जम जाती थी, जिससे भगवान बहुत खुश होते थे। उन्होंने कहा कि गौ की धूल अमृत के समान है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां पूजन में पंचगव्य का सर्वाधिक महत्व है। यह पंचगव्य गौ से प्राप्त होने वाले पदार्थ से बनता है। इस अवसर पर पहुंचे हजारों लोगों ने गौ को हरा चारा और गुड़ खिलाया। वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी सभी ने भागीदारी की। श्री गुरु महाराज ने सभी को प्रसाद एवं आशीर्वाद प्रदान किया।
