किसान राष्ट्र से आएगी खुशहाली, यूपी में बनवाया जा रहा मंदिर : शैलेंद्र योगीराज
फरीदाबाद। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज के शिष्य एवं विश्व के पहले उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के गांव सराय महेशपट्टी स्थित किसान पीठाधीश्वर किसानाचार्य शैलेंद्र योगीराज सरकार महाराज ने देश के मौजूदा हालात पर बड़ा बयान दिया है। बुधवार को फरीदाबाद में मीडिया से बातचीत में हिंदू राष्ट्र से लोगों का पेट नहीं भरेगा, बल्कि लोगों का पेट केवल किसान ही भर सकता है। उन्होंने आगाह किया कि बार-बार हिंदू राष्ट्र की मांग से देश में अशांति जैसे हालात पैदा हो सकते हैं।शैलेंद्र योगीराज ने कहा कि अगर हिंदू राष्ट्र बनाया गया, तो उसके बाद मुस्लिम राष्ट्र, सिख राष्ट्र, ईसाई राष्ट्र और बौद्ध राष्ट्र जैसी मांगें भी उठ सकती हैं, जिससे देश में वैमनस्य और विभाजन की स्थिति पैदा हो जाएगी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हर व्यक्ति को अपनी बात कहने का अधिकार है और लोग अपनी बात कह भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि, जिस प्रकार धीरेंद्र शास्त्री हिंदू राष्ट्र की बात कर रहे हैं, उसी प्रकार मैं किसान राष्ट्र की बात कर रहा हूं।शैलेंद्र योगिराज सरकार महाराज ने कहा कि, किसान राष्ट्र बनने से देश में एकता और भाईचारा बढ़ेगा, क्योंकि हिंदू भी किसान होता है, मुसलमान भी किसान होता है, सिख भी किसान होता है और ईसाई भी किसान होता है।
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किसान राष्ट्र से सब में समानता और सद्भावना पैदा होगी।उन्होंने सभी संत-महात्माओं से हाथ जोडक़र अपील की कि जो संत हिंदू राष्ट्र की मांग में लगे हैं, वे पहले किसानों के हित में किसान राष्ट्र की मांग करें। उन्होंने कहा कि किसान का ही पैदा किया अन्न संत-महात्मा खाते हैं। फल, दूध, दही, पूजा सामग्री, सब किसान ही पैदा करता है। इसलिए किसान राष्ट्र बनाना समय की आवश्यकता है।महाराज ने कहा कि किसान हमारे लिए भगवान से कम नहीं है। हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि सभी के अंदर ईश्वर का वास होता है, और किसान उस ईश्वर का ही रूप है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि हिंदू राज्य तो कंस और रावण के भी थे, लेकिन वहां क्या हुआ, सबको पता है। तब भगवान को अवतार लेना पड़ा था उनके अत्याचार को समाप्त करने के लिए। आज कलयुग में देश की एकता के लिए किसान का अवतार हुआ है, क्योंकि किसान ही देश की आत्मा है। उन्होंने कहा कि देश की 70 प्रतिशत आबादी गांवों में बसती है और भारत कृषि प्रधान देश है। भारत की आत्मा और प्राण प्रतिष्ठा किसानों में बसती है। देश की आर्थिक समृद्धि, खुशहाली और विकास का रास्ता गांवों और किसानों से होकर गुजरता है।
किसान वास्तव में देश का अन्नदाता और भाग्यविधाता है।योगीराज सरकार महाराज ने शास्त्रों का हवाला देते हुए कहा कि, शास्त्रों में कहा गया है ‘अन्न ब्रह्म’। अन्न से रस, रस से रक्त, रक्त से मांस, मांस से मेंद, मेंद से हड्डी, हड्डी से मज्जा, और मज्जा से वीर्य बनता है। कलयुग में प्राण अन्न में ही निवास करता है, इसलिए अन्न ही जीवन का आधार है। किसान इस अन्न का सृजनकर्ता है, अत: वह स्वयं देवता है।उन्होंने चेताया कि अगर किसान ने खेती करना बंद कर दिया, तो देश में त्राहि-त्राहि मच जाएगी। इसलिए किसान राष्ट्र बनाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार गुरु मनुष्य होते हुए भी ईश्वर तुल्य हैं, उसी प्रकार किसान मनुष्य होते हुए भी अन्नदाता देवता हैं।उन्होंने बताया कि वे उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के सराय महेश पट्टी गांव में विश्व का पहला ‘अन्नदाता किसान देवता मंदिर’ बनवा रहे हैं, जहां किसान को देवता के रूप में पूजा जाएगा।अंत में उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने पत्रकारों को संविधान में चौथा स्तंभ की मान्यता नहीं दी है। लेकिन किसान राष्ट्र में हम संविधान में संशोधन कर पत्रकारों को चौथे स्तंभ की मान्यता देंगे और उन्हें सभी सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी।
