समभाव-समदृष्टि के स्कूल “ध्यान कक्ष” द्वारा “नतिैक संस्कारों” पर आधारित निःशुल्क  कक्षाएँ प्रारम्भ 

फरीदाबाद । सतयुग दर्शनर्श ट्रस्ट द्वारा वसुंधरा परिसर में विश्व के प्रथम समभाव-समदृष्टि के स्कूल द्वारा प्रत्येक मानव को मानवता की राह पर लाने एवं कलयुगी भाव स्वभाव त्याग सतयुग की पहचान एवं मानवता का स्वाभिमान बनने के लिए “निःशुल्क कक्षाओं का आयोजन” किया जा रहा है, कक्षाओं का विषय व समय सारणी पूर्व निर्धारित है|

इन्क्रेडिबल इंडिया और हरियाणा पर्यटनर्य में सूचीबद्ध “ध्यान कक्ष” (समभाव समदृष्टि का स्कूल) के द्वारा ये निःशुल्क मूल्य -आधारित कक्षाओं की सुरुवात की गई है जिसका एन सी आर सहित सम्पूर्ण भारत के सभी स्कूल लाभ उठा सकते हैं|

इन कक्षाओं का लाभ उठाने के लिए आज “कंचन विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल फरीदाबाद” सकड़ो विद्यार्थियों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया और आत्म-विकास, नतिै कता, मानवता तथा समदृष्टि जसै बहुमूल्य विषय सीख कर गए।

इन विशषे कक्षाओं के माध्यम से प्रत्येक परिवार को सतयुग संस्कृति से अवगत कराते हुए चहु ओर शांति स्थापित करना एवं विश्व को सतयुग की ओर प्रेरित करना है| समाज के युवाओ और विद्यार्थियों में ऐसा परिवर्तनर्त आएगा जिसकी कल्पना प्रत्येक माता-पिता, शिक्षक इत्यादि करते हैं|

आपको बता दें कि सतयुग दर्शनर्श ट्रस्ट का लक्ष्य हैकि आनेवाले कुछ महीनों में पूरे एन सी आर क्षेत्र के सभी विद्यालयों के साथ साथ सम्पूर्ण भारत को इस अभियान सेजोड़ा जाए, ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थी मूल्य -आधारित शिक्षण से लाभान्वित हो सतयुग की पहचान बन सकें। “जब समाज में सत्य, प्रेम और समानता की भावना जागतृ होगी, तभी सतयुग अर्थात स्वर्ण युग का पुनहे आगमन संभव होगा।

यह पहल उसी दिशा मेंध्यान कक्ष द्वारा सार्थकर्थ प्रयास है।”

समभाव समदृषिट का स्कूल अर्थात ध्यान कक्ष का यह कदम वास्तव में“ संस्कारों के नव-निर्माण” और “सतयुग की स्थापना” की दिशा मेंएक सुनहरी पहल है।

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