सतयुग दर्शन ट्रस्ट (रजि.) ने किया 44वें अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में  समाज को नैतिक मूल्यों के प्रति जागरूक 

फरीदाबाद । एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान के तहत सतयुग दर्शन ट्रस्ट (रजि.) द्वारा 44वें अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से समाज को नैतिक मूल्यों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। ट्रस्ट का मानना है कि बच्चे समाज का अभिन्न अंग हैं और वे ही भारत का भविष्य हैं। बच्चों का चरित्र और व्यक्तित्व निर्माण ही उनके भविष्य को आकार दे सकता है।

इसी  उद्देश्य की पूर्ति के लिए सतयुग दर्शन ट्रस्ट द्वारा नियमित रूप से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में अनेक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के लिए विभिन्न निःशुल्क कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है। इन सत्रों द्वारा बच्चों को संतोष, धैर्य, सच्चाई, समभाव, आत्मानुशासन, आत्मनियंत्रण आदि जैसे दिव्य गुणों को अपनाने के महत्व और उन्हें व्यावहारिक जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

यह उनके भाव स्वभाव परिवर्तन की दिशा में एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि आज की नकारात्मक कलियुगी भयावह परिस्थिति में प्रत्येक मनुष्य पूरी तरह स्वार्थपरता के कारण भौतिक ज्ञान में डूबा हुआ है व शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से अनेकानेक कष्ट झेल रहा है।

परन्तु अब समय आ चुका है कि समाज का वास्तविक रूप से उत्थान किया जाए। इसीलिए ये कार्यशालाएँ ट्रस्ट के निःस्वार्थ सेवारत स्वयंसेवकों द्वारा आई.आई. टी. एफ. 2025, भारत मंडपम के हॉल नो. 2 में  सांस्कृतिक मंच पर आयोजित की जा रही हैं, जिनमें विभिन्न स्कूलों के बच्चे व उनके शिक्षक भी बढ़ चढ़ कर भाग ले रहे हैं जिसमें उन्हें भागीदारी प्रमाणपत्र भी प्रदान किये जा रहें है।

 

यह विशेष कार्य ट्रस्ट के मार्गदर्शक बल “सतवस्तु के कुदरती ग्रन्थ” से प्रेरित होकर, विश्व के प्रथम समभाव-समदृष्टि के स्कूल ध्यान कक्ष जो की “इनक्रेडिबल इंडिया” व हरियाणा सरकार द्वारा प्रमुख पर्यटक स्थल में भी शामिल है द्वारा दी जा रही हैं। इन कार्यशालाओं में भाग लेने के लिए सतयुग दर्शन ट्रस्ट की ऐप “सतयुग” पर या www.dhyankaksh.org/workshop-registerपर रजिस्टर करें।

 

अधिक जानकारी के लिए 8595070695 या [email protected] पर सम्पर्क करें।

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