अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में उप निरीक्षक राम कुमार ने तीन कविता पाठ किए
फरीदाबाद। भारत की राजभाषा हिंदी को विश्व भाषा के रूप में स्थापित करवाने के उद्देश्य से सतत् प्रयासरत विश्व हिंदी परिषद विज्ञान भवन नई दिल्ली में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें पूरे विश्व से प्रतिष्ठित हिंदी विद्वान, शिक्षाविद्, निति निर्माता और शोधार्थियों ने भाग लिया। कार्यालय पुलिस आयुक्त फरीदाबाद में प्रभारी आरटीआई अपील प्रकोष्ठ के रूप में नियुक्त उप निरीक्षक राम कुमार को भी अधिकारिक तौर पर आमंत्रित किया गया था, जिनके द्वारा भाषायी स्तर पर वैश्विक एकता अपना उद्बोधन दिया गया। इनके द्वारा उद्बोधन के दौरान इस विषय पर स्वरचित तीन कविताओं का भी पाठ किया, जिनमें जब एक पिता का जग सारा तो, क्यों भाषा न्यारी न्यारी हैं। हिंदी को अपनाके देखो, कितनी मिटैं बीमारी हैं।।
भाषायी स्तर पर विभिन्नता के कारण उत्पन्न वैश्विक समस्याओं को बीमारी की संज्ञा देते हुए हिंदी को विश्वभाषा के रूप में अपनाने से इस कविता के माध्यम से समाधान देने का प्रयास किया गया। इसके अतिरिक्त हिंदी भाषा के प्रयोगकर्ता द्वारा ही जाने.अनजाने में हिंदी को नुकसान पहुंचाने और हिंदी के विकास में बाधक कार्यों का उल्लेख करते हुए हिंदी भाषा के भाषी, बस इसना.सा अहसान करो। हिंदी को हानि पहुंते, उन कामों की पहचान करो।।
दूसरी कविता प्रस्तुत की गई। इसके अतिरिक्त विश्व की अन्य भाषा के तुलना में हिंदी भाषा की वैज्ञानिकता का जिकर करते हुए हिंदी भाषा वैज्ञानिक है, आओ चर्चा करें इस बारे में। ये दुनिया को क्या दे सकती है, लेकर अपने दायरे में।
तीसरी कविता का उच्चारण किया गया। इन तीनों ही कविताओं के माध्यम से हिंदी के विकास में कहीं ना कहीं हरियाणा पुलिस के सहयोग को दर्शाया गया। इस प्रकार हरियाणा पुलिस की छवि एक हिंदी के संरक्षक और संवर्धक के रूप में भी पूरे विश्व पटल पर स्थापित हुई है।
विश्व हिंदी परिषद द्वारा उप निरीक्षक राम कुमार एक प्रमाण पत्र और स्मृति चिह्न प्रदान किया गया। इनको जहां एक ओर विभाग में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए वर्ष 2015 में भारत के महामहिम राष्ट्रपति द्वारा पुलिस पदक से और वर्ष 2025 में डीजीपी उत्तम सेवा मेडल से सम्मानित किया गया है, वहीं दूसरी ओर इनके द्वारा हिंदी के संवर्धन के लिए कार्य करते हुए अब हिंदी बेहद आसान शीर्षक से एक पुस्तक लिखीए जो वर्ष 2018 में प्रकाशित हुई। इनके द्वारा अब तक विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी विभागों और संस्थाओं में संगोष्ठियों के माध्यम से हजारों की संख्या में अधिकारियों, कर्मचारियों, शिक्षकों तथा शिक्षार्थियों को मानक हिंदी के स्वरूप से अवगत जा चुका है।
पुलिस आयुक्त सतेंद्र कुमार द्वारा उप निरीक्षक राम कुमार उत्साह वर्धन करते हिंदी के बारे में इनके ज्ञान को अधिकाधिक लोगों तक पहुंचाने के बारे में विचार किया गया।
