फरीदाबाद में 22 दिसंबर से 5 जनवरी तक होगा सरस मेले का आयोजन
फरीदाबाद । जिला परिषद फरीदाबाद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी शिखा ने जानकारी देते हुए कहा कि हरियाणा सरकार के हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (HSRLM) ग्रामीण विकास विभाग द्वारा फरीदाबाद में सरस आजीविका मेला–2025 का आयोजन आगामी 22 दिसंबर से 05 जनवरी 2026 तक एचएसवीपी ग्राउंड, सेक्टर–12 फरीदाबाद में किया जाएगा। यह मेला प्रतिवर्ष ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने तथा स्वंय सहायता समूहों (Self Help Groups) द्वारा तैयार किए गए हस्तनिर्मित उत्पादों को एक सशक्त बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आयोजित किया जाता है।
उन्होंने कहा कि मेले में देशभर के विभिन्न राज्यों से स्वंय सहायता समूहों की महिलाएँ अपने उत्कृष्ट एवं विशिष्ट उत्पादों का प्रदर्शन करेंगी, जिनमें पारंपरिक हस्तशिल्प, हैंडलूम, हर्बल एवं ऑर्गेनिक उत्पाद, गृह-सज्जा सामग्री, हस्तनिर्मित परिधान, बांस एवं मिट्टी शिल्प, जूट बैग, हाथ से बने खाद्य पदार्थ एवं अन्य पारंपरिक कलाकृतियाँ विशेष आकर्षण का केंद्र होंगी। इस आयोजन का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना, SHG सदस्यों की आय में वृद्धि करना तथा उनके कौशल एवं उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान प्रदान करना है।
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मिशन द्वारा बताया गया कि ‘सरस आजीविका मेला’ ग्रामीण महिला उद्यमियों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है, जिसके माध्यम से उन्हें प्रत्यक्ष ग्राहकों से जुड़ने, अपने उत्पादों की गुणवत्ता एवं पैकेजिंग में सुधार करने, विपणन कौशल सीखने तथा बड़े बाजारों तक पहुँच बनाने का अवसर मिलता है। इस प्रकार का आयोजन ‘मेक इन इंडिया’, ‘वोकल फॉर लोकल’ और ग्रामीण स्वरोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
मेले के दौरान आगंतुकों के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोकनृत्य प्रस्तुतियाँ, हस्तशिल्प कार्यशालाएँ, स्थानीय व्यंजनों के फूड स्टॉल तथा बच्चों के मनोरंजन हेतु विशेष गतिविधियाँ भी आयोजित की जाएँगी। मेले में उचित सुरक्षा, पार्किंग, पेयजल, स्वच्छता एवं सूचना सुविधा केंद्र की व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जाएँगी ताकि आगंतुकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने आम जनता से अपील की है कि वे बड़ी संख्या में सरस आजीविका मेला–2025 में पहुँचकर ग्रामीण महिलाओं के हस्तनिर्मित उत्पादों को प्रोत्साहन दें तथा स्थानीय स्वावलंबन, महिला सशक्तिकरण एवं पारंपरिक कला-संस्कृति को बढ़ावा देने में सहयोग करें।
