नशा समाज को आर्थिक, मानसिक और सामाजिक रूप से नष्ट करता है : कृष्ण पाल गुर्जर
- समाज को नशा-मुक्त बनाने के लिए सभी की भागीदारी जरूरी : धनेश अदलखा
फरीदाबाद । भारत सरकार में केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि 100 कुण्डीय यह विशाल हवन केवल एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि संस्कार और संकल्प का अद्भुत संगम है। नशा केवल आर्थिक हानि ही नहीं, बल्कि मानसिक, शारीरिक और सामाजिक रूप से पूरे परिवार और समाज को नष्ट करने वाली बुराई है।
केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने आज आर्य युवा समाज द्वारा नशे के विरुद्ध 100 कुण्डीय हवन में बतौर मुख्यतिथि शिरकत की। उनके साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में बड़खल विधायक धनेश अदलखा भी मौजूद रहे।
केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि आर्य समाज और डीएवी संस्थाएं बच्चों को संस्कारों से जोड़ने, समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने और नई दिशा देने का जो महत्वपूर्ण कार्य कर रही हैं, वह प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि यदि आज समाज में संस्कार बचे हुए हैं, तो उसमें सबसे बड़ा योगदान इन्हीं संस्थाओं का है।
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उन्होंने कहा कि समाज दो मोर्चों पर संघर्ष कर रहा है—एक ओर विकास के लक्ष्य की ओर बढ़ना और दूसरी ओर नशे के खिलाफ निर्णायक युद्ध। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्पष्ट आह्वान है कि विकसित भारत का निर्माण तभी संभव है जब भारत नशा-मुक्त होगा। उन्होंने कहा कि वे देश की सबसे बड़ी पूंजी हैं। उनकी ऊर्जा, समय और प्रतिभा बेहद अनमोल है। नशा एक ऐसा जहर है जो लक्ष्यों, सपनों और प्रतिभा को समाप्त कर देता है।
उन्होंने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे अपनी शक्ति खेल के मैदान में और पढ़ाई में लगाएं, लेकिन नशे के रास्ते पर कभी कदम न रखें। उन्होंने अभिभावकों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि वे अपने बच्चों की ढाल बनें और अपने घर तथा कॉलोनियों को तंबाकू व शराब से मुक्त बनाएं।
उन्होंने बड़खल विधानसभा क्षेत्र में नशे के खिलाफ बड़े स्तर पर मुहिम चलाने के लिए विधायक धनेश अदलखाकी भी प्रशंसा की और उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि यदि घर स्वयं नशे से मुक्त नहीं होंगे, तो नशा-मुक्त भारत का लक्ष्य अधूरा रह जाएगा। उन्होंने डीएवी की अनुशासन पर आधारित परंपरा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि समय पर नियंत्रण और अनुशासन ही राष्ट्र निर्माण की नींव हैं।
बड़खल विधायक धनेश अदलखा ने कहा कि पिछले एक वर्ष से बड़खल विधानसभा क्षेत्र में नशे के खिलाफ चल रहे अभियान में उन्होंने किसी प्रकार का समझौता नहीं किया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनकी प्राथमिकता केवल समाज को नशे से मुक्त करना है, और जो लोग नशा बेचने का कार्य करते हैं, उनके विरुद्ध सतत कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि लगातार कार्रवाई के परिणामस्वरूप कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि नशा बेचने वालों को किसी भी प्रकार की राहत नहीं दी जाएगी—“जो नशा बेचेगा, वह बड़खल में जेल जाएगा ही जाएगा, उसे कोई बचा नहीं सकता। चाहे आज, चाहे कल या परसों—कार्रवाई निश्चित है।” उन्होंने कहा कि नशे का सबसे बड़ा दर्द उस परिवार से पूछना चाहिए जिसका भविष्य उजड़ गया हो।
उन्होंने कहा कि सड़कें, पार्क, पानी जैसी सुविधाएं आती-जाती रहती हैं, लेकिन नशे से प्रभावित परिवार कभी अपनी हानि की भरपाई नहीं कर पाते। उन्होंने कहा कि समाज को नशा-मुक्त बनाने में सभी की भागीदारी आवश्यक है और बच्चों तथा युवाओं की इस मुहिम में सक्रिय भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सामूहिक प्रयासों से बड़खल क्षेत्र और पूरा समाज नशा-मुक्त और सुरक्षित बनने की दिशा में आगे बढ़ेगा।
इस अवसर पर स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा नशे के विरुद्ध नुक्कड़ नाटक भी प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित छात्र-छात्राओं को नशा न करने की शपथ दिलाई गयी।
इस अवसर पर पार्षद जगत भड़ाना, पार्षद नरेंद्र भड़ाना, राष्ट्रीय अध्यक्ष युवा आर्य समाज योगी सूरी, बीके चोपड़ा, राकेश धुन्ना सहित अन्य कई गणमान्य व्यक्तिगण मौजूद रहे।
