भारत-पाक के NSA के बीच बातचीत नहीं हुई, ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ
न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सीजफायर के पहले भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों और विदेश मंत्रियों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई। दोनों देशों के आर्मी ऑपरेशन महानिदेशकों (DGMO) के बीच ही बातचीत हुई थी।
पीएम मोदी ने कहा था, ‘वहां से अगर गोली चली तो हम यहां से गोला चलाएंगे।’ कश्मीर पर हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है, अब केवल एक ही मामला बचा है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की वापसी। बात करने के लिए और कुछ नहीं है। अगर वे आतंकवादियों को सौंपने की बात करते हैं, तो बात कर सकते हैं।’
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उन्होंने कहा, ‘मेरा किसी और विषय पर कोई इरादा नहीं है। हम नहीं चाहते कि कोई मध्यस्थता करे। हमें किसी की मध्यस्थता की जरूरत नहीं है।’ हालांकि न्यूज एजेंसी ANI ने यह नहीं बताया कि पीएम ने यह बात कहां और कब कही थी।
पीएम ने कहा था- अब एक मामला बचा है, पीओके की वापसी
ANI ने सोर्स के हवाले से बताया कि ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है, हम नए सामान्य दौर में हैं। दुनिया को इसे स्वीकार करना होगा। पाकिस्तान को इसे स्वीकार करना होगा, यह हमेशा की तरह नहीं चल सकता।
भारत ने दुनिया को साफ कर दिया है कि हम पीड़ित और अपराधियों को एकसाथ नहीं रख सकते। बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के हेडक्वॉर्टर को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया गया। जैश-ए-मोहम्मद को ISI ने बनाया था। वहां सबसे ज्यादा ताकतवार हथियार का इस्तेमाल किया गया। यह भारत का पाकिस्तान को बड़़ा संदेश था।
भारत ने बहावलपुर के मुरीदके में आतंकी कैंपों को निशाना बनाने के बाद ये संदेश दिया कि आतंकियों के पाकिस्तान खुफिया एजेंसी ISI के करीबी रिश्ते हैं। हम उन्हें (आतंकियों को) हेडक्वार्टर में मारेंगे, छोटे कैंपों को निशाना नहीं बनाएंगे।
हमले बहुत ही सटीक तरीके से किए गए। रहीम यार खान एयरबेस का रनवे पूरी तरह से तहस-नहस हो गया। चकलाला में बना पाकिस्तानी वायुसेना का बेस नूर खान भी बहुत बुरी तरह बर्बाद हुआ।
हर दौर में पाकिस्तान के लिए हालात खराब होते गए। वे लड़ाई के हर दौर में भारत से हार गए। पाकिस्तान के हवाई ठिकानों पर हमारे हमलों के बाद, पाकिस्तान को एहसास हो गया है कि वह इस लीग में नहीं हैं। भारत ने स्पष्ट संदेश दिया है कि कोई भी सुरक्षित नहीं है, यह न्यू नॉर्मल है।