एमआरडीसी ने बच्चों के लिए दर्द और चिंता मुक्त डेंटल उपचार हेतु शुरू की कॉन्शस सेडेटेशन तकनीक

फरीदाबाद: मानव रचना डेंटल कॉलेज (MRDC) ने बच्चों के दांतों के इलाज को अधिक सहज और चिंता-मुक्त बनाने के उद्देश्य से कॉन्शस सेडेटेशन तकनीक की शुरुआत की है। यह सुविधा पेडोडॉन्टिक्स एंड प्रिवेंटिव डेंटिस्ट्री विभाग में उपलब्ध कराई गई है, जो बच्चों को डेंटल फोबिया से राहत दिलाने में सहायक सिद्ध हो रही है।
कॉन्शस सेडेटेशन एक अत्याधुनिक प्रक्रिया है, जिसमें नाइट्रस ऑक्साइड (जिसे आमतौर पर ‘लाफिंग गैस’ कहा जाता है) का उपयोग किया जाता है। इससे उपचार के दौरान बच्चा पूरी तरह से शांत और जागरूक रहता है, साथ ही उसे दर्द या किसी प्रकार की परेशानी महसूस नहीं होती। यह प्रक्रिया त्वरित असर और शीघ्र रिकवरी के लिए जानी जाती है, जिससे यह आउट पेशेंट डेंटल प्रक्रियाओं के लिए अत्यंत उपयुक्त बन जाती है। जब इसे लोकल एनेस्थीसिया के साथ मिलाकर प्रयोग किया जाता है, तो यह बच्चों और विशेष स्वास्थ्य आवश्यकताओं वाले मरीजों के लिए और भी अधिक प्रभावी हो जाती है।
मरीजों के माता-पिता इस पहल से बेहद संतुष्ट हैं। सुमन कुमारी, जो अपनी बेटी अनाइशा के साथ आई थीं, ने कहा, “मैं बहुत चिंतित थी कि मेरी बेटी डेंटल उपचार को कैसे संभालेगी, लेकिन नाइट्रस ऑक्साइड के इस्तेमाल से सब कुछ आसान हो गया। वह पूरे समय शांत और सहयोगी रही, और उसे कोई दर्द नहीं हुआ। डॉक्टर ने हर बात बहुत अच्छे से समझाई, और हम दोनों मुस्कुराते हुए क्लिनिक से बाहर निकले। इस सौम्य उपचार पद्धति के लिए मैं आभारी हूं।”
एक अन्य माता-पिता मंविका, जो अपनी बेटी अमनत के साथ आई थीं, ने कहा, “मेरी बेटी हमेशा डेंटल विजिट को लेकर चिंतित रहती थी। लेकिन जब डॉक्टर ने लाफिंग गैस की सलाह दी, तो मुझे राहत मिली। शुरुआत से अंत तक सब कुछ बहुत सहज रहा। मास्क लगाना आसान था, और वह शांत रही, बीच-बीच में हँसी भी। बाद में उसने कहा कि यह अनुभव बिल्कुल डरावना नहीं था।”
एमआरडीसी का पेडियाट्रिक एंड प्रिवेंटिव डेंटिस्ट्री विभाग नवीनतम सेडेटेशन उपकरणों और लगातार रोगी निगरानी प्रणाली से सुसज्जित है, जिससे सुरक्षा के उच्चतम मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाता है। यहां की डेंटल टीम सेडेटेशन प्रोटोकॉल में विशेष रूप से प्रशिक्षित और प्रमाणित है, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दिशानिर्देशों के अनुरूप कार्य करती है।
डॉ. तनु नांगिया, विभागाध्यक्ष, पेडोडॉन्टिक्स, एमआरडीसी ने कहा, “हम कॉन्शस सेडेटेशन के माध्यम से डेंटल विजिट के प्रति बच्चों में व्याप्त डर को कम करना चाहते हैं, जिससे आवश्यक उपचार अधिक सुलभ और तनावमुक्त हो सके। यह हमारे करुणामय, मरीज-केंद्रित डेंटल केयर के व्यापक दृष्टिकोण को दर्शाता है।”
डॉ. पुनीत बत्रा, प्रो वाइस चांसलर (हेल्थ साइंसेज़) एवं प्रिंसिपल, एमआरडीसी ने कहा, “यह तकनीक मरीज के सहयोग को बढ़ावा देती है, जिससे क्लिनिकल परिणाम बेहतर होते हैं। यह इस बात को रेखांकित करता है कि हम कैसे प्रभावी तकनीकों को एकीकृत कर बाल चिकित्सा दंत चिकित्सा को आगे बढ़ा रहे हैं और मरीजों के अनुभव को बेहतर बना रहे हैं।”
यह सुविधा डेंटल छात्रों के प्रशिक्षण के लिए भी उपयोगी है, जहां उन्हें आधुनिक और मरीजों के अनुकूल उपचार तकनीकों का व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया जाता है।
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मानव रचना एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस (MREI) के बारे में:

1997 में स्थापित, मानव रचना एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस (MREI) शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता का प्रतीक हैं। 41,000+ पूर्व छात्रों, 120+ वैश्विक अकादमिक साझेदारियों और 80+ नवाचार एवं उद्यमिता वेंचर्स के साथ, MREI में मानव रचना यूनिवर्सिटी (MRU), मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज़ (MRIIRS – NAAC A++), और मानव रचना डेंटल कॉलेज (NABH मान्यता प्राप्त) जैसे प्रमुख संस्थान शामिल हैं। देश भर में 12 स्कूलों का संचालन करते हुए, MREI भारतीय और अंतरराष्ट्रीय पाठ्यक्रम (IB, Cambridge) प्रदान करता है। NIRF-MHRD, TOI, Outlook, Business World, ARIIA और Careers360 जैसे प्रतिष्ठित मंचों पर नियमित रूप से उच्च स्थान प्राप्त करते हुए, MRIIRS ने NIRF 2024 में टॉप 100 यूनिवर्सिटीज़ में स्थान (#92) और डेंटल श्रेणी में #38 रैंक प्राप्त की है।
अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट देखें: https://manavrachna.edu.in/

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