निगमों को निजी हाथों में सौंपने के खिलाफ बिजली कर्मियों ने किए प्रदर्शन

फरीदाबाद। इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया व एनसीसीओईई के आह्वान पर बुधवार को बिजली कर्मचारियों ने उप्र सरकार द्वारा पूर्वांचल व दक्षिणांचल बिजली वितरण निगमों को निजी हाथों में सौंपने के खिलाफ सब डिवीजन स्तर पर विरोध प्रदर्शन किए। प्रदर्शनों में आंदोलनरत तीन बिजली कर्मचारी नेताओं के खिलाफ विजिलेंस द्वारा एफआईआर दर्ज करने की निंदा की गई। यूनियन के नेता शब्बीर अहमद गनी, सर्कल सचिव कृष्ण कुमार, सीसी मेम्बर मनोज जाखड़, डालचंद,यूनिट प्रधान करतार सिंह,भूप सिंह कौशिक, रामकेश साहरण, दिनेश शर्मा, दिगंबर सिंह, प्रवेश बैंसला,वेद प्रकाश कर्दम,असरफ खान, सुरेन्द्र शर्मा आदि नेताओं ने अलग अलग सब डिवीजन में प्रदर्शनों को संबोधित किया। प्रदर्शनों में सर्व सम्मति से 9 जुलाई को हड़ताल करने का फैसला किया।

ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद ने कहा कि उप्र सरकार ने विधुत कर्मचारी संयुक्त संधर्ष समिति उत्तर प्रदेश के साथ पूर्व उर्जा मंत्री के साथ किए लिखित समझौते के विपरित उप्र सरकार ने पूर्वांचल व दक्षिणांचल डिस्कॉम को निजी हाथों में सौंपने का फैसला किया है। जिसके खिलाफ उप्र के बिजली कर्मचारी एवं इंजीनियर पिछले सात महीने से निरंतर आंदोलन कर रहे हैं। जिसके कारण निगम प्रबंधन टेंडर आमंत्रित नहीं करने में विफल रहा है।

जिससे बौखला कर उप्र सरकार ने तीन नेताओं के खिलाफ विजिलेंस द्वारा एफआईआर दर्ज की है। यह सब नेताओं को डराने-धमकाने का प्रयास है। इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि उप्र में दो डिस्कॉम का निजीकरण हुआ तो 50 हजार से ज्यादा बिजली कर्मचारियों और इंजीनियर की छंटनी होना लाजिमी है। उन्होंने कहा कि निजीकरण के बाद बिजली किसानों व गरीबों की पहुंच से बाहर हो जाएंगी।

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