पेंशन बढ़ोतरी रोकने का प्रयास से देश के करोड़ों पेंशनर्स में भारी आक्रोश एवं बैचेनी : सुभाष लांबा
वित्त अधिनियम के खिलाफ सैकड़ों पेंशनर्स ने डीसी आफिस पर किया प्रदर्शन
फरीदाबाद। वित्त अधिनियम – 2025 निरस्त करने और पेंशन कम्यूट राशि में 11 साल तक कटौती करने,65 व 75 वर्ष की आयु में बेसिक पेंशन में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी करने, सिनियर सिटीजन को सभी सरकारी व पैनल वाले हस्पतालों में मुफ्त इलाज करने और तीन हजार रुपए मासिक मेडिकल भत्ता देने आदि मांगों को लेकर मंगलवार को सैकड़ों पेंशनर्स ने डीसी आफिस पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री के नाम 10 सुत्रीय ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा। प्रदर्शन से पूर्व पेंशनर्स ओपन एयर थियेटर में एकत्रित हुए और जिला उपाध्यक्ष आशा शर्मा की अध्यक्षता में सभा का आयोजन किया।
इस सभा में अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा, रिटायर्ड कर्मचारी संघ हरियाणा के उपाध्यक्ष यूएम ख़ान, जिला सचिव लज्जा राम , प्रेस सचिव सतपाल नरवत,सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के जिला प्रधान करतार सिंह, सीटू के जिला सचिव वीरेंद्र डंगवाल व एएचपीसी वर्कर यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद आदि मौजूद शामिल हुए। पेंशनर्स सभा को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि केंद्र सरकार ने 25 मार्च को वित्त अधिनियम – 2025 के भाग (4) में संशोधन कर 31 दिसंबर,2025 तक के पेंशनभोगियों को आठवें पे कमीशन की सिफारिशों अनुसार पेंशन बढ़ोतरी रोकने का अधिकार प्राप्त कर लिया है।
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उन्होंने कहा कि यह संवैधानिक सिद्धांतों, न्यायिक जनादेशों और पेंशनभोगियों की गरिमा के साथ विश्वासघात का प्रतिनिधित्व करता है,जिसका राज्य सरकार के पेंशनभोगियों पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपनी विभाजनकारी नीतियों को भी देश के पेंशनर्स को भी दो हिस्सों में बांटने का काम किया है। उन्होंने कहा कि एक तरफ केन्द्र सरकार कारपोरेट घरानों के लाखों करोड़ के कर्जों व टैक्सों को माफ कर रही है और दूसरी तरफ करोड़ पेंशनर्स की पेंशन बढ़ोतरी रोकने का काम कर रही है। कारपोरेट घरानों को कौडिय़ों के भाव में सार्वजनिक सेवाओं और पीएसयू को निजी हाथों में सौंप रही है,जिसका डटकर विरोध किया जाएगा।
सीटू के जिला सचिव वीरेंद्र डंगवाल ने लेबर कोड्स की घोर निन्दा की और पेंशनर्स की मांगों एवं आंदोलन का समर्थन किया। रिटायर्ड कर्मचारी संघ हरियाणा के उपाध्यक्ष यूएम ख़ान, आशा शर्मा, लज्जा राम व सतपाल नरवत ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार एक तरफ पूंजीपतियों को लाखों करोड़ के आर्थिक पैकेज दिए जा रही है और दूसरी तरफ सिनियर सिटीजन को रेलवे और हवाई यात्रा में मिलने वाली सब्सिडी में कटौती की है। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन के बावजूद 18 महीने के डीए डीआर को रिलीज नही किया जा रहा है।
उन्होंने मजदूर विरोधी सभी श्रम संहिताओं के वापस लेने, निजीकरण की नीतियों पर रोक लगाने, खाली पदों को स्थाई भर्ती से भरने आदि मांगों को प्रमुखता से उठाया और कहा कि जब तक उक्त मांगों का समाधान नहीं होगा आंदोलन जारी रहेगा। प्रदर्शन में रिटायर्ड कर्मचारी संघ हरियाणा के नेता एस.एस.बांग्गा, जयपाल चौहान,खजान सिंह, रत्ती राम, शाबीर खांन, टेकचंद सौरोत, ताराचंद, सुभाष गुप्ता,भूप सिंह, प्रवेश बैंसला, संजय,रतन लाल कुकरेजा, राजबीर नागर, रणसिंह भड़ाना, कल्याण सिंह,लाल चंद चौहान, देवेन्द्र त्यागी,आर.एस.वर्मा, अशोक शर्मा, राजबाला,शेलेन्द्री, धर्मवीर वैष्णव, जगदीश, रतनलाल, सतबीर सिंह, पुष्कर, हरबीर, गांधी सहरावत, कासिम अली,आर एन भूटानी आदि मौजूद थे।