भारत की डिजिटल और लॉजिस्टिक्स प्रगति के लिए फेडएक्स ने तैयार किया उद्योग-योग्य युवा टैलेंट

मुंबई: फेडएक्स एक्सप्रेस (फेडएक्स), जो दुनिया की सबसे बड़ी एक्सप्रेस परिवहन कंपनी है, भारत में संगठित कौशल विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा देकर विश्व युवा कौशल दिवस 2025 मना रही है। इस वर्ष की वैश्विक थीम “कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डिजिटल कौशल के ज़रिए युवाओं को सशक्त बनाना” है और इसके अनुरूप फेडएक्स युवाओं को तेज़ी से बदलती अर्थव्यवस्था की ज़रूरतों के अनुसार तैयार करने में मदद कर रही है।

ग़ैर-लाभकारी संगठनों के साथ साझेदारी में फेडएक्स अब तक 1,500 से अधिक युवाओं को क्लाउड कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा, सप्लाई चेन प्रबंधन और वेयरहाउस संचालन जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण दे चुकी है। इन पाठ्यक्रमों में तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ नौकरी की तैयारी, संवाद कौशल और कार्यस्थल से जुड़े व्यवहारिक प्रशिक्षण भी शामिल हैं, जिससे छात्रों को पढ़ाई से रोज़गार तक की राह आसान होती है।

फेडएक्स मिडल ईस्ट, भारतीय उपमहाद्वीप और अफ्रीका के वाइस प्रेसिडेंट – मार्केटिंग, कस्टमर एक्सपीरियंस और एयर नेटवर्क श्री नितिन नवनीत तातीवाला ने कहा, “भारत की युवा शक्ति देश की सबसे बड़ी ताकत है। उन्हें उद्योग से जुड़ी व्यावहारिक क्षमताएं देना आर्थिक विकास के लिए बेहद ज़रूरी है। फेडएक्स में हमारा प्रयास है कि हम युवाओं को ऐसा अनुभव दें, जो उन्हें आत्मनिर्भर बनाए और उन्हें भविष्य की चुनौतियों और अवसरों के लिए तैयार करे।”

अब तक इन कार्यक्रमों के ज़रिए करीब 930 युवाओं को तकनीक, स्वास्थ्य सेवा, लॉजिस्टिक्स, रिटेल और ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्रों में रोज़गार मिला है। प्रारंभिक वेतन 13,000 रूपए से 18,000 रूपए प्रति माह तक रहा है, जबकि कुछ को 30,000 रूपए तक का पैकेज भी मिला है।

नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क के तहत संचालित ये कार्यक्रम कक्षा शिक्षण के साथ व्यावहारिक अनुभव, जीवन कौशल और मार्गदर्शन को जोड़ते हैं। 60% से अधिक प्रतिभागी महिलाएं रही हैं, जिनमें से कई पहली बार औपचारिक कार्यबल का हिस्सा बनी हैं। यह पहल रोज़गार योग्यता, डिजिटल स्किलिंग और समावेशी आर्थिक विकास जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप है।

इन प्रयासों का असर युवा पेशेवरों की ज़ुबानी साफ़ नज़र आता है:

· “मेरे पास डिग्री तो थी, लेकिन इंडस्ट्री का अनुभव नहीं था। इस कार्यक्रम ने मुझे आत्मविश्वास और स्पष्टता दी।” – हर्षिता शेट्टी, हैदराबाद, जो अब तकनीक क्षेत्र में कार्यरत हैं।

· “इस नौकरी ने मुझे खुद को देखने का नजरिया बदल दिया। अब मैं अपने परिवार को सहारा दे रही हूं और समाज में मुझे सम्मान भी मिला है।” – अफसाना, दिल्ली, अब ई-कॉमर्स सेक्टर में काम कर रही हैं।

· “वह मेरी ज़िंदगी का सबसे मुश्किल दौर था, लेकिन इस प्रशिक्षण ने मुझे फिर से पटरी पर ला खड़ा किया।” – अल्लुतला कीर्तना, हैदराबाद, अब फार्मास्युटिकल सेक्टर में कार्यरत।

· “यह मेरी पहली औपचारिक नौकरी थी। इस कोर्स ने वह आत्मविश्वास और स्किल्स दिए जिनसे मैं आगे बढ़ पाई।” – रचना एन.आर., बेंगलुरु, अब फूड सर्विस इंडस्ट्री में काम कर रही हैं।

फेडएक्स का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण, मिश्रित शिक्षण मॉडल और मेंटरशिप के ज़रिए युवाओं के लिए दीर्घकालिक रोज़गार के रास्ते खोलना है। कंपनी का डिजिटल कौशल और रणनीतिक साझेदारियों पर केंद्रित प्रयास भारत में कार्यबल की क्षमताओं को मजबूत बनाने और समावेशी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में मदद कर रहा है।

  • प्रभाव के आंकड़े यूनाइटेड वे मुंबई और मैजिक बस फाउंडेशन इम्‍पैक्‍ट एसेसमेंट रिपोर्ट्स के हैं।
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