यमुना का जलस्तर बढ़ा प्रशासन अलर्ट डीसी सहित अधिकारियों ने किया दौरा

फरीदाबाद। हथिनी कुंड बैराज से 3 लाख से ज्यादा क्युसेक पानी छोड़े जाने का असर फरीदाबाद में दिखाई देने लगा है। दिल्ली ओखला बैराज से भी 86 हजार 313 क्यूसेक पानी छोड़ दिया गया है। जिसके बाद कई गांव में दोबारा से जलभराव हो गया है। गांव बसंतपुर में पानी का लेवल बढ़ गया है, जिसके चलते लोग घरों को खाली करते सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं। यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिसके चलते यमुना की तलहटी में बसे गांव बसंतपुर मे सबसे ज्यादा हालात खराब हो गए है। गांव के सभी रास्तों में घरों के बाहर जलभराव हो चुका है। लोग भारी संख्या में लगातार मकानों को खाली कर सुरक्षित स्थानों की तलाश में जा रहे हैं। लोग अपने साथ जरूरी सामान लेकर पानी भरे रास्तों से निकल रहे हैं। लोग अपने सिर पर और साइकिल पर सामान रखकर घरों से निकल रहे हैं। गांव राजपुरा और चांदपुर के खेतों में दोबारा से जलभराव हो गया है। इससे पहले खेतों से पानी वापस जा चुका था। लेकिन फसलें रात के समय आए पानी से डूब गईं। सुबह के समय किसान अपने खेतों पर पहुंचे तो खेतों में जलभराव हुआ पड़ा था। जिला फरीदाबाद में यमुना नदी के तटवर्ती 27 गाँवों को प्रशासन ने संवेदनशील घोषित किया है। इन सभी गाँवों में किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए ग्राम सचिव, सरपंच, पटवारी तथा बीडीपीओ स्तर के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है।

डीसी, एडीसी, एसडीएम सहित प्रशासन के उच्च अधिकारी मौके पर  जाकर पल-पल की स्थिति का जायजा ले रहे हैं। इनमें से कुछ गाँवों को सबसे अधिक संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है, जिनमें बसंतपुर, किडावली, लालपुर, महावतपुर, राजपुर कलां व तिलोरी खादर, अमीपुर व चिरसी, मंझावली, चंदपुर, मोठुका, अरुआ, छांयसा और मोहना प्रमुख हैं। इन गाँवों में प्रशासन ने विशेष सतर्कता बरतने, टीमें गठित करने और स्थिति पर कड़ी नजर बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। ददसिया, जसाना, कांवरा में बारात घर को और राजपुर कलां में सामुदायिक भवन को सेफ होम चिन्हित किया गया है। वहीं तिगांव ब्लाक के गाँव अरुआ और मोठुका में शेल्टर होम स्थापित किये गये हैं।  उधर यमुना नदी का लगातार बढ़ रहे जल स्तर से रेनीवेल को खतरा पैदा हो गया है। अभी भी नदी का पानी कई रेनीवेल की चारदीवारी तक पहुंच गया है।

कई रेनीवेल के रास्ते में नदी का पानी भरा हुआ है। बुधवार सुबह यमुना नदी का जल स्तर खतरे के निशान को पार करने की आशंका है। ऐसी स्थिति में रेनीवेल के अंदर पानी घुसने की आशंका बनी हुई है। यदि ऐसा हुआ तो पेयजल सप्लाई प्रभावित हो सकती है। हालांकि फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि पेयजल सप्लाई प्रभावित नहीं होने दी जाएगी, लेकिन बुधवार को यमुना का जल स्तर बताएगा कि क्या होगा। गौरतलब है कि 2023 में बाढ़ की वजह से सभी रेनीवेल पानी में डूब गए थे। कई दिन बाद इन्हें चालू किया जा सका था। कई रेनीवेल की मशीनरी खराब हो गई थी। यमुना नदी किनारे लगे हुए 22 रेनीवेल से करीब 200 एमएलडी पानी शहर में सप्लाई होता है। मोठूका, घरोड़ा, मंझावली, कांवरा,भूपानी, ददसिया, कबूलपुर में रेनीवेल हैं। 150 से अधिक ट्यूबवेल से पानी आता है। प्राधिकरण के एसडीओ जितेंद्र सिंह ने बताया कि फिलहाल खतरा नहीं है। बुधवार और गुरुवार को तय होगा कि रेनीवेल को नुकसान होता है या नहीं। अभी रेनीवेल तक पानी पहुंच गया है लेकिन पेयजल सप्लाई बंद नहीं हुई है। सभी रेनीवेल पर जनरेटर रखवा दिए गए हैं।

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