अल-फलाह यूनिवर्सिटी की मान्यता रद्द होने पर वहां के बेकसूर स्टूडेंट्स की मदद करे सरकार : मंच

फरीदाबाद । दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए कार ब्लास्ट के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी की मान्यता रद्द हो जाने पर वहां पढ़ाई कर रहे बेकसूर स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स के मन में ये सवाल पैदा हो गया है कि अब छात्र-छात्राओं का क्या होगा? हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने केंद्र व राज्य सरकार से अपील की है कि वह छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उनकी पढाई की बहतर व्यवस्था करे।
मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि किसी यूनिवर्सिटी की मान्यता रद्द होने की स्थिति में सबसे पहला समाधान यही होता है कि वर्तमान छात्रों को दूसरी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी में एडजस्ट किया जाए। UGC आमतौर पर छात्रों को उसी राज्य या आसपास के राज्यों की मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी में ट्रांसफर करने की व्यवस्था करती है। छात्रों के अब तक पूरे किए गए एकेडमिक क्रेडिट्स को नई यूनिवर्सिटी में ट्रांसफर कर दिया जाता है ताकि उनकी पढ़ाई बीच में न टूटे और उन्हें कोर्स की शुरुआत से दोबारा न पढ़ना पड़े।
मंच के लीगल एडवाइजर बी एस विरदी ने कहा है कि मान्यता रद्द होने के बाद जिन छात्रों को पहले ही डिग्री मिल चुकी है उनकी डिग्री आम तौर पर वैध रहती है। ताकि छात्रों का करियर प्रभावित न हो। वहीं जो छात्र अंतिम वर्ष में होते हैं उन्हें भी आमतौर पर परीक्षा देने और डिग्री पूरी करने का मौका दिया जाता है। यह अनुमति UGC या संबंधित बोर्ड की तरफ से विशेष निर्देश के तहत दी जाती है ताकि छात्रों की सालों की मेहनत बेकार न जाए।
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