सतयुग दर्शन ट्रस्ट के मार्गदर्शक मंडल ने देवाश्रय गौ-अस्पताल का सद्भाव पूर्ण दौरा कर गायों को खिलाया चारा
- परोपकार ही परम धर्म : सतयुग दर्शन ट्रस्ट के मार्गदर्शक सजन जी
ग्रेटर फरीदाबाद । आज सतयुग दर्शन ट्रस्ट के मार्गदर्शक श्री सजन जी, मैनेजिंग ट्रस्टी श्रीमती रेशमा गाँधी जी एवं श्रीमती अनुपमा तलवार जी (चेयरपर्सन सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र) तथा ट्रस्ट के अन्य गणमान्य ट्रस्टी एवं स्वयंसेवकों ने देवाश्रय गौ-अस्पताल का स्नेहपूर्ण एवं उद्देश्यपूर्ण भ्रमण किया। इस अवसर पर डा अंशु गुप्ता एवं अस्पताल प्रबंधन द्वारा ट्रस्ट के सभी सदस्यों का स्वागत सत्कार के उपरान्त गौ-सेवा से संबंधित वर्तमान कार्यप्रणाली, अस्पताल की सुविधाओं, संरक्षण और देखभाल व्यवस्था के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।
इस मौक़े पर सजन जी, रेशमा गाँधी एवंम अनुपमा तलवार ने सभी गायों को अपने कर-कमलों से हरा चारा, गुड़, रोटी इत्यादि खिलाई । उसके उपरांत श्री सजन जी ने कहा कि “जहाँ सेवा है, वहीं सतयुग का मार्ग है” गौ-सेवा केवल धार्मिक या नैतिक परंपरा ही नहीं, बल्कि मानवता और दया का उच्चतम स्वरूप है क्योंकि हर जीव में परमात्मा का अंश निहित है और उनकी रक्षा करना ही सच्चा परोपकार है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सतयुग दर्शन ट्रस्ट लगातार ऐसे उपक्रमों के माध्यम से समाज में शांति, सद्भावना, करुणा और सहजीवन के संदेश को फैलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
सतयुग दर्शन ट्रस्ट मानवता को समर्पित है ये ट्रस्ट “मानवता सर्वोपरि” के सिद्धांत पर कार्यरत है और शिक्षा, संस्कार, नशा मुक्ति, पर्यावरण संरक्षण, कला एवं संस्कृति तथा परोपकार के विविध क्षेत्रों में सेवा परियोजनाएँ संचालित कर रहा है। गौ-सेवा जैसे कार्यक्रम समाज में सकारात्मक एवं संवेदनशील मानवीय मूल्यों को विकसित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। दौरे के दौरान अस्पताल की भावी आवश्यकताओं, सहयोग और सहभागिता को और अधिक मज़बूत बनाने पर भी सार्थक चर्चा हुई। दौरे के दौरान श्री सजन जी ने गौशाला में रह रहे गौ–वंश की संख्या, उनके लिए बनाए गए आश्रय स्थलों, चारे की गुणवत्ता तथा चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता जैसी महत्वपूर्ण पहलुओं की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने गौशाला प्रबंधन समिति के सदस्यों से बातचीत करते हुए गौ-सेवा से जुड़े उनके निरंतर प्रयासों की सराहना की।
श्री सजन जी ने कहा कि गौशालाएँ भारतीय संस्कृति, कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कहा कि गौ–संरक्षण केवल धार्मिक भावना नहीं, बल्कि पर्यावरण, जैविक कृषि और ग्रामीण विकास से भी गहराई से जुड़ा हुआ विषय है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि गौशालाओं में आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग कर इन्हें स्वावलंबी एवं सशक्त बनाया जा सकता है।
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प्रबंधन समिति ने ट्रस्ट के सदस्यों को गौ–सेवा के लिए किए जा रहे विभिन्न प्रयासों जैसे नियमित स्वास्थ्य जाँच, प्राकृतिक उपचार, गोबर-गोमूत्र आधारित जैविक उत्पादों के निर्माण, तथा गौ–आश्रय विस्तार योजनाओं के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी।
श्री सजन जी ने इन प्रयासों की मुक्तकंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि यह मॉडल अन्य क्षेत्रों की गौशालाओं के लिए भी प्रेरणास्रोत बन सकता है। उन्होंने गौशाला में कुछ आवश्यक सुधारों और संसाधनों के बेहतर उपयोग संबंधी सुझाव भी दिए। विशेष रूप से उन्होंने पशुओं के लिए स्वच्छ पेयजल, छाया व्यवस्था, पर्याप्त चारे की उपलब्धता सुनिश्चित करने और जागरूकता कार्यक्रमों को बढ़ावा देने की बात कही।
साथ ही यह भी बताया कि सतयुग दर्शन ट्रस्ट से जुड़े हुए सभी सजनों ने नवम्बर माह में देश के भिन्न-भिन्न शहरों को ये शुभ कार्य पूर्ण करना है, प्रत्येक शहर ने कम से कम २५०० गायों को चारा इत्यादि देना सुनिश्चित करना है, इस कार्य को अविलम्ब पूर्ण कर लिया जाएगा।
गौ–संरक्षण के विषय में अंशु गुप्ता जी ने जानकारी देते हुए कहा कि यहां गायों के लिए सभी उचित व्यवस्था हैं जैसे -खाना , देखभाल के लिए अच्छे सेवादार, डॉक्टर्स इत्यादि। साथ ही गायों का देखभाल ऐसे ही उचित रूप में होती रहे उसके लिए अस्पताल में बहुत सारी व्यवस्थाएं की गयी हैं जैसे गाय के गोबर से घरों की दीवारों पर होने वाले रंग बनाए जाते हैं, दीपक, इत्यादि बहुत सी ऎसी व्यवस्थाएं की जा रही हैं जिनसे भविष्य में गायों के खाने-पीने की सारी व्यवस्था इन माध्यमों से हो सकती है।
दौरे के अंत में गौशाला परिसर में वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण और गौ–संरक्षण के प्रति अपना संकल्प व्यक्त किया। गौशाला प्रबंधन एवं अंशु गुप्ता जी द्वारा सतयुग दर्शन ट्रस्ट के मार्गदर्शक श्री सजन जी का हार्दिक धन्यवाद किया गया। गौशाला प्रबंधन समिति ने ट्रस्ट के सभी अतिथियों के आगमन के प्रति आभार प्रकट करते हुए आश्वासन दिया कि उनके मार्गदर्शन और सुझावों पर जल्द ही कार्य किया जाएगा।
