फरीदाबाद में देश का 40 वां राष्ट्रीय इंजीनियर्स सम्मेलन: आईओटी और स्मार्ट कनेक्टिविटी पर होगा मंथन

-जे.सी.बोस विश्वविद्यालय में 3-4 दिसंबर को आयोजन -65 शोध-पत्र और छात्रों के प्रोजेक्ट होंगे प्रस्तुत

फरीदाबाद। आगामी 3 और 4 दिसंबर 2025 को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियर्स का 40 वां राष्ट्रीय सम्मेलन तथा राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन होने जा रहा है। इस दो दिवसीय आयोजन की थीम आईओटी एवं सेंसर एम्बेडेड आईओटी: स्मार्ट कनेक्टिविटी को गति प्रदान करना रखी गई है। यह प्रतिष्ठित आयोजन द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) के फरीदाबाद स्थानीय केंद्र द्वारा किया जा रहा है, जो देश का सबसे बड़ा बहु-विषयी इंजीनियरिंग पेशेवर संगठन है। आज आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, इंजी. आई.एस. ओबेरॉय, अध्यक्ष, आई.ई.आई. फरीदाबाद सेंटर ने बताया कि फरीदाबाद सेंटर को पहली बार इस राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी का अवसर मिला है।

इस आयोजन में देश भर से प्रमुख शिक्षाविद्, उद्योग जगत के पेशेवर, शोधकर्ता एवं छात्र भाग लेंगे। प्रो. प्रदीप डिमरी, मानद सचिव, आई.ई.आई. फरीदाबाद सेंटर ने बताया कि सम्मेलन की थीम डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत तथा स्मार्ट सिटी मिशन जैसी राष्ट्रीय प्रमुख योजनाओं के साथ पूरी तरह जुड़ी हुई है, जिससे तकनीकी आत्मनिर्भरता एवं औद्योगिक आधुनिकीकरण को बल मिलेगा। प्रो. मुनीश वशिष्ठ, आयोजन सचिव ने अवगत कराया कि सम्मेलन में प्रमुख उप-विषयों जैसे स्मार्ट सिटी, हेल्थकेयर, कृषि अनुप्रयोग, सिक्योरिटी फ्रेमवर्क, ऊर्जा-कुशल डिजाइन तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में आईओटी को लेकर गहन विमर्श होगा।
भारत के सबसे बड़े औद्योगिक कॉरिडोर में से एक फरीदाबाद की पृष्ठभूमि में, यह सम्मेलन शिक्षण और उद्योग के बीच सार्थक संवाद का अवसर प्रदान करेगा। इसमें आईओटी की अपार संभावनाओं की खोज के साथ-साथ स्केलेबिलिटी, साइबर सिक्योरिटी एवं अफोर्डेबिलिटी जैसी महत्वपूर्ण चुनौतियों पर भी गहन विचार-विमर्श होगा। आयोजन में तकनीकी शोध-पत्र प्रस्तुति, पैनल चर्चा तथा प्रायोगिक कार्यशालाएं होंगी। कुल 65 शोध-पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे तथा छात्रों के नवाचारी प्रोजेक्ट्स का भी प्रदर्शन होगा। इंजी. जे.पी. मल्होत्रा, कार्यकारी सदस्य, आई.ई.आई. फरीदाबाद सेंटर ने सेंटर की नियमित गतिविधियों की जानकारी देते हुए वर्तमान तकनीकी युग में सम्मेलन की थीम की प्रासंगिकता पर बल दिया।
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